-चार सौ बीसी, जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने वालों के मुकदमें किये वापस
विकासनगर, जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमन्त्री जिनके पास कि गृह विभाग भी है ने अपने कार्यकाल में उन तमाम लोगों के मुकदमें वापस लेने का काम किया है, जिनके खिलाफ सामाजिक एवं आर्थिक अपराध की श्रेणी के धारा 420, 467, 468, 471, 465, 120बी, 452, 323, 504, 506 आदि के कई मुकदमें दर्ज थे।
मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए नेगी ने कहा कि उक्त मुकदमें धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर आर्थिक अपराध करने, धोखा व षडयन्त्र करने, मारपीट आदि के थे, जो कि संज्ञेय अपराध श्रेणी के थे। सरकार द्वारा इस प्रकार के मुकदमें वापस लेने से निश्चित तौर पर समाज में आर्थिक एवं सामाजिक अपराध व मारधाड़ करने वालों के हौसले बुलंद होंगे।
नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा जो मुकदमे जनसरोकार से सम्बन्धित थे, उनको वापस लेने में मोर्चा को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन ऐसे संज्ञेय एवं गैरजमानती अपराध के मुकदमें वापस लेकर सरकार ने नैतिकता को तार-तार करने का काम किया है।
मा0 उच्च न्यायालय द्वारा 12 नवम्बर 2012 को एक जनहित याचिका में निर्देश दिये हैं कि ‘‘अदालत को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाता है कि उन अनुप्रयोग को कानून के अनुसार तय किया जाता है और आपराधिक प्रक्रिया की धारा 321 के तहत अदालत के दायित्व का निर्वहन किया जाये’’ यानि मुकदमें जनहितध्जनकल्याण में ही वापस हों। पत्रकार वार्ता में मोर्चा उपाध्यक्ष विजयराम शर्मा, दिलबाग सिंह, भीम सिंह बिष्ट, सुशील भारद्वाज आदि उपस्थित रहे।