देहरादून, 7 मई : संयुक्त आंदोलनकारी मंच के तत्वावधान में राज्य आंदोलनकारियों के लिये राज्याधीन सेवाओं में 10 % क्षैतिज आरक्षण की बहाली और चिन्हीकरण की प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की माँग को लेकर शहीद स्मारक देहरादून में अनिश्चितकालीन धरना आज तीसरे दिवस भी जारी रहा।
मंच के संयोजक क्रांति कुकरेती ने कहा है कि सरकार अपनी कार्यशैली दुरुस्त करे और नौकरशाहों पर नकेल कसे अन्यथा यह सरकार का इकबाल और साख दोनों दांव पर लगते रहेंगे। इससे ज्यादा हास्यास्पद क्या हो सकता है कि मन्त्रिमण्डल की मंजूरी और मुख्यमंत्री के सार्वजनिक बयान के बाद भी राज्य आंदोलनकारी सड़क पर संघर्ष के लिए मजबूर हैं।
आज धरने पर बैठने वालों में श्रीमती मुन्नी खंडूरी, राजेश्वरी रावत, मीरा गुसाईं ,यशोदा रावत, विमल जुयाल, वीरेन्द्र सिंह रावत, सूर्यकांत बमराड़ा, अम्बुज शर्मा, सुरेश नेगी, प्रवीण पुरोहित, आशीष रावत, प्रभात डंडरियाल, हरि प्रकाश शर्मा, ऋषिकेश से विक्रम भंडारी, देवेश्वर काला, पूरण जुयाल, विनोद रतूड़ी, हरी सिंह नेगी, सुमित बलूनी आदि शामिल थे।

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धरने का दूसरा दिन : संयुक्त आंदोलनकारी मंच की सरकार को सलाह