देहरादून, 24 फरवरी : राजकीय एलटी समायोजित की वर्चुअल मिटिंग में आरोप लगाया गया कि बेसिक से एलटी मे आये शिक्षको के साथ छलावा किया गया है । तय किया गया कि बेसिक की सेवा जोड़ते हुए चयन प्रोन्नत वेतनमान नहीं दिया गया तो आगामी 1 जून से आर पार का संघर्ष किया जायेगा । बैठक के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने कहा कि एकता मंच की पूर्व में हुुई उच्च स्तरीय वार्ता के क्रम में वे अपर मुख्य सचिव राधा रतूडी से बात कर इस मामले का समाधान बातचीत के जरिए कराने का प्रयास करेंगें ।

वक्ताओं ने कहा कि 31 अगस्त 2016 को तत्कालीन शिक्षा निदेशक आर के कुंवर ने एलटी में गये शिक्षकों को चयन प्रोन्नत वेतनमान का लाभ देने हेतु शासन को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा ।
इसके बावजूद कोई हल नहीं निकलने पर मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप कर 05 सितंबर 2017 को शिक्षा सचिव को निर्देश दिए कि तत्काल पदोन्नत शब्द के स्थान पर समायोजन किया जाय । मुख्य मंत्री के ये निर्देश भी शासन के कार्यवृत तक ही रह गये ।
पुनः इस मामले में उतराखण्ड कार्मिक एकता मंच की 15 अक्टूबर 2020 को एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी जी से वार्ता हुई लेकिन एसीएस द्वारा दिये गये निर्देश भी आज तक कार्यवृत में ही दबकर रह गये ।
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ शिक्षा(प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवानियमावली 2006 के नियम 16(1) मे समायोजन/पदोन्नति द्वारा भर्ती की प्रक्रिया का प्रावधान था जिसमें गुपचुप तरीके से संशोधन कर जारी की गई नियमावली 2014 के नियम 16(1) में समायोजन शब्द को हटा दिया गया । इस संशोधन से बेसिक से एलटी में आये शिक्षकों को पदोन्नत माना गया और बेसिक की सेवा जोड़ते हुए जिनका चयन प्रोन्नत वेतनमान देय था उन्हें चयन प्रोन्नत वेतनमान देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया गया कि इस लाभ के लिए सेवा अवधि की गणना एल टी में आने की तिथि से होगी ।
वक्ताओं ने इसे छलावा बताते हुए कहा कि अगर उन्हें ऐसा पता होता तो वह एल टी में नहीं आते ।
एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने कहा कि सेवा शर्तों में संशोधन की प्रक्रिया में जिसके सेवा लाभ प्रभावित हो रहे हों उन्हें विश्वास में लिया जाना चाहिए था । उन्होंने कहा कि 5 सितम्बर 2017 को शिक्षक दिवस के दिन तत्कालीन मुख्य मंत्री द्वारा इसके समाधान हेतु सेवानियमावली में समायोजन शब्द को यथावत रखे जाने बावत जो स्पष्ट निर्देश दिये उनका कार्यवृत में ही दबकर रह जाना दुर्भाग्यपूर्ण है जिसके परिपालन में हुई हीलाहवाली के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए ।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में संघर्ष मंच के अध्यक्ष दिगम्बर फुलोरिया ने इस मुद्दे को लेकर 1जून से निर्णायक आन्दोलन छेडने का ऐलान किया । उन्होंंने प्रभावित शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि मार्च में परीक्षा एवं अप्रैल में मूल्यांकन कार्य से निपटने के बाद आर पार के संघर्ष हेतु एकजुुटता के साथ तैयार रहें ।

राजकीय एलटी समायोजित पदोन्नत शिक्षक संघर्ष मंच के अध्यक्ष दिगम्बर फुलोरिया की अध्यक्षता तथा महासचिव शैलेन्द्र राणा के संचालन में हुई बैठक में हरीश गैरोला, माधवी नेगी,रुप सिंह, हर्षवर्धन शुक्ला, जगदीश भट्ट,जगदीश जोशी, राजीवलोचन भण्डारी, नवीन जोशी,हिमांशु पाण्डे, मीना रावत, मनोज बाला, हरिशंकर मम्मी, मात्रात्मक भट्ट, आदि थे।