देहरादून,27 जून: आरटीआई के तहत मांगी जाने वाली सूचनाओं को देने में कतिपय विभागों के टाल-मटोल रवैये की जानकारी दूरभाष पर मुख्य सूचना आयुक्त को देते हुए आरटीआई कार्यकर्ता रमेश चन्द्र पाण्डे ने कहा कि ऐसा रवैया अपनाने वालों का मकसद यही रहता है कि आरटीआई के तहत सूचना मांगने वालों का धैर्य टूट जाय और थक हारकर वे अन्तत: चुप हो जांय । मुख्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने ऐसे मामलों में आरटीआई एक्ट के सेक्शन 18 एवं 19 के तहत सूचना आयोग में शिकायत करने की हिदायत देते हुए आश्वस्त किया ऐसे मामलों में सूचना उपलब्ध कराने हेतु एक्ट के तहत सख्त कार्यवाही की जायेगी ।
गौरतलब है कि हल्द्वानी स्थित बिठौरिया नम्बर -1 के देवकीबिहार निवासी रमेश चन्द्र पाण्डे ने इस बीच विधानसभा, लोक सेवा आयोग, कार्मिक एवं सतर्कता विभाग, शिक्षा सहित कई विभागों से आरटीआई के तहत सूचना मांगने हेतु आवेदन दिये लेकिन सभी के द्वारा सही सूचना देने में टाल-मटोल की गई । उनके द्वारा 25 अप्रैल को लोक सूचना अधिकारी , विधानसभा सचिवालय उत्तराखण्ड देहरादून के पते पर स्पीड पोस्ट से सूचना हेतु आवेदन भेजा गया था । श्री पाण्डे तब हतप्रभ होकर रह गये जब 15 मई को वह लिफाफा उन्हें इस टिप्पणी से वापस मिला कि “कृपया विभाग का नाम अवश्य लिखें । पता अपूर्ण है “
उनके द्वारा यह लिफाफा यथावत राज्य सूचना आयोग को भेजते हुए सूचना उपलब्ध कराने की मांग की थी । आयोग द्वारा 6 जून को विधान सभा के लोक सूचना अधिकारी को सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिये जा चुके हैं । बातचीत में मुख्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट द्वारा विशेष रुप से विधान सभा से वांछित सूचना के बारे में पूछा गया जिस पर श्री पाण्डे ने उन्हें बताया कि अभी तक सूचना नहीं मिली है । श्री पाण्डे ने कहा कि उन्हें वांछित सूचना से ज्यादा उत्सुकता यह जानने की है कि लिफाफे को जिस गलत टिप्पणी के साथ वापस किया गया वह किसके स्तर से और क्यों किया गया