लॉकडाउन की अवधि में किसी भी पैरेंट्स को लिखित रूप से या मोबाइल के माध्यम से स्कूल फीस वसूली के लिए संदेश नहीं भेजा जाएगा।

प्राइवेट स्कूलों के फीस मांगने पर शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। इस संबंध में बुधवार को एक आदेश जारी कर लॉकडाउन अवधि की फीस लेने पर छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूलों पर रोक लगा दी गई है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर इसके लिए पैरेंट्स पर किसी भी तरह से दबाव बनाया गया तो स्कूल प्रबंधन के खिलाफ महामारी एक्ट में कार्रवाई की जाएगी। फीस और ऑनलाइन क्लास को लेकर पैरेंट्स लगातार विरोध कर रहे हैं।

दरअसल, लोक शिक्षण संचनालय की ओर से लॉकडाउन की अवधि में प्राइवेट स्कूलों के फीस लेने पर रोक लगाई गई थी। इसके बाद भी स्कूल संचालक लगातार पैरेंट्स को फीस जमा करने के लिए मैसेज भेज रहे थे। लगातार मिल रही शिकायतों पर जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर ने स्कूल के प्रिंसीपल और प्रबंधकों को एक बार फिर पत्र लिखकर निर्देशों की याद दिलाई है। साथ ही फीस नहीं लेने की हिदायत भी दी है।

पैरेंट्स को न मैसेज भेजें और न ही मीटिंग कराएं

जिला शिक्षाधिकारी (डीईओ) की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन की अवधि में किसी भी पैरेंट्स को लिखित रूप से या मोबाइल के माध्यम से स्कूल फीस वसूली के लिए संदेश नहीं भेजा जाएगा। साथ ही निजी स्कूलों में किसी प्रकार की सामूहिक रूप से पैरेंट्स की बैठक नहीं कराई जाएगी। स्कूलों की ओर से चल रही ऑनलाइन क्लासेज को लेकर भी डीईओ ने निर्देश दिए हैं कि इसके लिए भी स्कूल फीस नहीं ले सकते हैं।