त्रिलोचन भट्ट
निसंदेह प्रकाश पंत राज्य के गिने-चुने सशक्त और सुलझे हुए नेताओं में शामिल थे। उनका जाना राज्य के तमाम लोगों की तरह मेरे लिए भी किसी सदमे से कम नहीं है। अक्सर विधानसभा की कार्यवाहियों में देखता था कि पूरी सरकार का भार लगभग उन्हीं के कंधों पर होता था। विपक्षियों के सवाल में कहीं कोई भी मंत्री उलझा नहीं कि प्रकाश पंत जवाब के साथ हाजिर हो जाते थे।
खुद बेशक वे राज्य सरकार में वित्त एवं आबकारी मंत्री की भूमिका निभा रहे थे, लेकिन किसी भी उलझे हुए सवाल का जवाब देने के लिए अक्सर विधानसभा में उन्हें ही खड़ा होना पड़ता था। यह सिर्फ इसलिए संभव हो पाता था कि वे न सिर्फ अपने विभाग की, बल्कि दूसरे विभागों की भी पूरी जानकारी रखते थे और विधानसभा की कार्यवाही में पूरी तैयारी के साथ आते थे।
हंसमुख और मिलनसार प्रकृति के प्रकाश पंत के साथ अंतिम मुलाकात पिछले 15 जनवरी को पंतनगर एयरपोर्ट पर हुई थी। हम लोग (जयदीप सकलानी, योगेश भट्ट, सतीश धौलाखंडी और मैं) ागेश्वर उत्तरायणी मेले से देहरादून लौट रहे थे और उन्हें भी उसी फ्लाइट से लौटना था। तब उनसे हल्की-फुल्की हंसी मजाक की कुछ बातें हुई थी। वे जानते थे कि हम डफली लेकर बागेश्वर में सरकार की नीतियों की खिलाफत करने ही गए थे। बावजूद इसके उन्होंने जिस सौहार्दपूर्ण तरीके से हम से बात की, ऐसा करना किसी सुलझे हुए राजनीतिज्ञ के लिए ही संभव है।
………….अलविदा प्रकाश पंत।
‘जनसंवाद समिति’ ने प्रकाश पन्त की असमय मृत्यु पर शोक प्रकट करते हुए इसे उत्तराखंड की राजनीति की अपूरणीय क्षति
बताते हुए श्रधान्जली दी.
“उत्तराखंड के वित्तमंत्री प्रकाश पंत का निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उन्होंने अमेरिका के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके निधन पर दुख जताते हुए तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। “प्रकाश पंत एक हफ्ते पहले ही उपचार के लिए अमेरिका गए थे। वे उत्तराखंड सरकार में वित्त, संसदीय कार्य और आबकारी मंत्री के पद पर थे। उनके निधन की खबर से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। सीएम रावत और राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा, प्रकाश पंत का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से अपूर्णीय श्रति है। उनके निधन से हमारा तीन दशक पुराना साथ यादों में रह गया है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उत्तराखंड सरकार के वित्त मंत्री प्रकाश पंत के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। राज्यपाल ने दुःख की इस घड़ी में उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। अपने शोक संदेश में राज्यपाल ने कहा कि स्वर्गीय प्रकाश पंत एक अत्यंत मृदुभाषी, मिलनसार और लोकप्रिय राजनेता थे। प्रकाश पंत एक बेहद सक्षम और कुशल प्रशासक थे। वे जनता के बीच अत्यंत लोकप्रिय थे और सामाजिक सरोकारों से हमेशा जुड़े रहते थे। उन्होंने उत्तराखंड की राजनीति में अपना एक विशेष स्थान बनाया था। उनके निधन से उत्तराखंड को अपूरणीय क्षति हुई है। राज्यपाल ने गुरुवार को अपनी सभी मुलाकातें और बैठकें रद्द कर दी हैं। प्रकाश पंत का जन्म 11 नवंबर 1960 पिथौरागढ़ जिले खड़कोट गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहन चंद्र पंत और मां का नाम कमला पंत हैं। पंत ने 1984 में सरकारी सेवा में स्वच्छंद रूप से समाज सेवा न कर पाने के कारण पद से त्यागपत्र दिया और भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। वे सर्वप्रथम, पिथौरागढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से 2002 से 2007 तक निर्वाचित हुए।siyaasat mein har koee ‘prakaash’ pant nahin ho sakata