तीर्थ पुरोहित धरना-प्रदर्शन करते हुए। 
देहरादून, सरकार द्वारा चारधाम श्राइन बोर्ड गठन के फैसले को लेकर तीर्थ पुरोहितों तथा हक हुकूकधारियों का विरोध जारी है। सभी मन्दिरों के पुरोहितों व पुजारियों ने मंगलवार को सीएम आवास कूच कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। वहीं सत्ता पक्ष द्वारा एक बार फिर अपने निर्णय को सही ठहराते हुए कहा गया है कि श्राइन बोर्ड के गठन से पुरोहितों और पुजारियों के हक प्रभावित नहीं होगें बल्कि आने वाले समय में उन्हे इसका लाभ ही होगा।

तीर्थ मर्यादा रक्षा समिति ने किया सरकार द्वारा चारधाम साइन बोर्ड बनाने का समर्थन 

चारधाम श्राइन बोर्ड समर्थन में पैदल मार्च निकालते हुए।
हरिद्वार, उत्तराखंड सरकार द्वारा बद्रीनाथ केदारनाथ गंगोत्री यमुनोत्री को जोड़कर वैष्णो देवी तिरुपति बालाजी की तर्ज पर उत्तराखंड साइन बोर्ड गठन किए जाने की मांग का समर्थन करते हुए तीर्थ मर्यादा रक्षा समिति के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा की अगुवाई में मायादेवी प्रांगण से बिरला चैक तक सरकार के समर्थन में नारेबाजी
करते हुए पैदल मार्च किया सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य में साइन बोर्ड बनाए जाने का दिल खोलकर स्वागत करते हुए साइन बोर्ड के नियमों को आगामी  2020 की चार धाम यात्रा में उसे लागू किए जाने की भी मांग की उत्तराखंड बनने के उपरांत 2013 की आपदा के घटनाक्रम से यह मांग उठती आई है।वैष्णो देवी के तर्ज पर उत्तराखंड में भी साइन बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में तीर्थ यात्रियों को श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई ना हो। इस अवसर पर तीर्थ मर्यादा रक्षा समिति के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा उत्तराखंड बनने के उपरांत सामाजिक संगठनों द्वारा समय-समय पर वैष्णो देवी, तिरुपति जी के तर्ज पर उत्तराखंड साइन बोर्ड गठन करने की मांग की जाती रही है सरकार द्वारा साइन बोर्ड गठन करने के फैसले का तीर्थ मर्यादा रक्षा समिति स्वागत करती है क्योंकि उत्तराखंड सरकार आने वाले समय मे उत्तराखंड चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को और भव्य बनाये जाने के प्रयास साइन बोर्ड के माध्यम से किये जा सकेंगे। उन्होंने कहा जो लोग उत्तराखंड साइन बोर्ड के गठन का विरोध कर रहे है वह न्यायसंगत नही है क्योंकि विशेष पूजा-अर्चनाए, पूजा-पाठ कराये जाने के अधिकार स्थानीय पंडितो के पास ही रहेंगे इसीलिए विरोध करने का कोई औचित्य नही है। उत्तराखंड साइन बोर्ड गठन किये जाने की मांग का समर्थन करते पैदल मार्च में आर.एस. रतूड़ी, रणजीत रावत, अशोक शर्मा, भूपेंद्र, मानसिंह, जयसिंह बिष्ट, मोहनलाल, छोटेलाल शर्मा, बालकिशन कश्यप, श्यामजीत, नन्दलाल शर्मा, रवि शर्मा, सचिन बिष्ट, गौरव चैहान, ओमप्रकाश भाटिया, देवेश, ओमप्रकाश कालियन आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
सरकार द्वारा 27 नवम्बर को कैबिनेट की बैठक में श्राइन बोर्ड गठन के फैसले को हरी झंडी दिखाये जाने के बाद से ही प्रदेश भर के पुरोहित और पुजारी इसका विरोध कर रहे है। उनका साफ कहना है कि इस फैसले के जरिए सरकार द्वारा उनकी सनातन परम्पराओं के साथ छेड़छाड़ की जा रही है जिससे उनके हित प्रभावित होगें। इस फैसले के खिलाफ लगातार विरोध किये जा रहे है आज उत्तरकाशी के मणिकर्णिका घाट पर बुद्धि शुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया वहीं दून में उन 51 मन्दिरों के पुरोहित और पुजारियों ने सीएम आवास कूच किया जिन्हे श्राइन बोर्ड की सूची में रखा गया है। भले ही  पुलिस द्वारा इन्हे रास्ते में ही रोक दिया गया हो लेकिन उन्होने कल विधानसभा घेराव की घोषणा की है। उधर मसूरी विधायक गणेश जोशी ने आज एक पत्रकार वार्ता कर सरकार के श्राइन बोर्ड के फैसले को सही ठहराया है और कहा है कि इस फैसले से चारधाम यात्रा का विकास होगा। उनका कहना है कि पुरोहित और पुजारियों के इससे हित प्रभावित नहीं होगें। इसलिए उन्हे डरने की कोई जरूरत नहीं है। गंगोत्री धाम समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल का कहना है कि हमारी पूजा पद्धति अलग है, मान्यताए व प्रथाएं अलग है ऐसी स्थिति में वैष्णो देवी जैसे श्राइन बोर्ड द्वारा यह काम नहीं किया जा सकता है। उनका कहना है कि हमारी सरकार से मांग है कि वह अपने इस निर्णय को तुरन्त वापस ले।