700 करोड़ के समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने जनजाति कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक अनुराग शंखधर से फिर पूछताछ की अनुमति मांगी है हालांकि अभी विभाग ने इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया है। विभागीय सचिव के देहरादून लौटने के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय होगा। अनुराग शंखधर राजपत्रित अधिकारी होने के कारण एसआईटी को पूछताछ के लिए शासन से अनुमति लेनी आवश्यक है। एक मामले में एसआईटी शंखधर को पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
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