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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र के. बोस
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र के. बोस जो कि भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के उपाध्यक्ष भी हैं, ने मुसलमानों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के दायरे में लाने का आग्रह किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी कानून को लोगों को डराकर लागू नहीं किया जा सकता है. बोस पिछले कुछ समय पूर्व भी अपने राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष और भाजपा नेताओं द्वारा अपमानजनक भाषा इस्तेमाल करने पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. बोस ने कहा, ‘जो आंदोलन पूरे भारत में चल रहा है, उसे बहुत आसानी से हल किया जा सकता है. अगर आप स्पष्ट रूप से घोषणा करते हैं कि हर कोई हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई CAA के परिणामस्वरूप नागरिकता प्राप्त करेगा.
बोस चाहते हैं कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर लोगों के पास जाए. उन्होंने कहा, ‘हमें लोगों के पास जाना है और उनसे बातचीत करनी है. आप डराने और धमकाने से एक अधिनियम को लागू नहीं कर सकते हैं.’ बोस नेताजी के बड़े भाई और स्वतंत्रता सेनानी शरत चंद्र के पोते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना भाजपा जैसी पार्टी को शोभा नहीं देता है. उन्होंने कहा, ‘सिर्फ इसलिए कि राज्यसभा और लोकसभा दोनों में हमारे पास संख्या है, इसका मतलब यह नहीं है कि हम इस तरह के आक्रामक रुख अपनाते हुए जनता को डराने की राजनीति नहीं कर सकते’ लिए जनता अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र हैं. आज हम सरकार में हैं, कल नहीं भी हो सकते हैं.’