पंच बद्रियों में से एक भगवान आदिबद्री धाम के कपाट मकर संक्रांति सुबह 4 बजे ब्रह्ममूर्त में खोल दिये , इसके लिए आज भगवान आदिबद्री धाम को गेंदे के फूलों से सजाया गया है । कपाट खुलने के बाद मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम के साथ साथ संस्कृति कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया । आदिबदरी नाथ जी के कपाट खुलने पर एक सप्ताह तक चलने वाले वार्षिक महाभिषेक की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं इस अवसर पर मन्दिर को दो कुन्तल पीले गैंदे के फूलों से सजाया गया है, समारोह में सात दिनों तक अनेक धार्मिक अनुष्ठानिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्री आदिबदरी नाथ जी के कपाट पौष माह में बन्द रहने के पश्चात मकर संक्रान्ति को ब्रहम मुहूर्त में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए है। कपाट ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजे खुलेंगे माघ माह के प्रथम श्रृगार दर्शन की पूरी तैयारियां पुजारी चक्रधर थपलियाल द्वारा की गई। श्रृगार से पूर्व भगवान आदिबदरी नाथ जी के स्नान के लिए सप्तशिन्धु के जल को सात कलशों में रख लिया गया है व भगवान के नये पीत वस्त्र तैयार कर उनके क्रीट, मुकुट, छत्रों को चमका दिया गया है मन्दिर समिति ने गर्भ गृह में भगवान के श्रृगार दर्शन के लिए श्रृद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की है। कपाट खुलते ही श्री आदिबदरी नाथ जी का महाभिषेक समारोह शुरू हो गई।