धाकड़ धामी के डेढ़ साल के कार्यकाल में 8 परीक्षाओं में सामने आई गड़बड़ी , 6 हुईं रद्द , 66 आरोपित किए गिरफ्तार !

देहरादून : 10 मार्च : उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं के आयोजन के बाद घोटाला उजागर होने और परीक्षा निरस्त करना अब राज्य की नियति बन गया है। बेरोजगार परेशान हैं और परीक्षाएं निरस्त होती जा रही हैं। अब जेई की परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है। परीक्षा की नई डेट जल्द जारी होगी।

सनद रहे कि वर्ष 2021 में जुलाई माह में तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही पुष्कर सिंह धामी की सीएम के पद पर ताजपोशी की गई थी। सीएम की शपथ लेते ही सीएम धामी ने कहा था कि वह जो भी घोषणा करेंगे, उसे छह माह के भीतर पूरा करके दिखाएंगे। यदि वह शिलान्यास करेंगे तो अपने उसी कार्यकाल में उसे पूरा करेंगे। शपथ लेते ही सीएम धामी ने सबसे पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगले चुनाव से पहले छह माह के भीतर प्रदेश में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 22 हजार पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएंगी। तब प्रदेश के युवाओं को सरकार से आस बंधी थी, लेकिन ये घोषणा भी हवाई साबित हुई और किसी भी विभाग में कोई नियुक्ति नहीं हुई।

अपने पहले आठ माह के कार्यकाल में उनकी सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने की घोषणा आज तक भी पूरी नहीं हो सकी। फिर वह दोबारा मार्च 2022 में सीएम बने और इसके बाद से तो परीक्षाओं में भर्ती घोटाला सामने आने लगे जिनका सिलसिला आज भी जारी है।

लेखपाल : यह भर्ती परीक्षा आठ जनवरी 2023 को राज्य लोक सेवा आयोग ने आयोजित की थी। 536 पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा की जांच में सामने आया कि आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने ही इसका पेपर लीक कर दिया। इस मामले की जांच एसआइटी कर रही है। इस प्रकरण में संजीव चतुर्वेदी समेत 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा घोटाले में तो 44 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में विधानसभा में बैकडोर से नियुक्ति के साथ ही अन्य कई नियुक्तियों में घोटाले की बात सामने आई। ऐसे में अधिनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओं को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सुपूर्द कर दिया गया। साथ ही निरस्त की गई परीक्षाओं को जिम्मा भी लोक सेवा आयोग को दिया गया।

फिर निरस्त हुई एक और परीक्षा, पिछले साल हुई थी जेई की लिखित परीक्षा

अब उत्तराखंड में पिछले साल आयोजित की गई राज्य कनिष्ठ अभियंता सेवा परीक्षा 2021 को भी निरस्त कर दिया गया है। इस लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित करने के बाद साक्षात्कार की प्रक्रिया भी हो चुकी थी। अब परीक्षा और साक्षात्कार दोनों निरस्त कर दिया गया है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के प्रभारी सचिव अवधेश कुमार की ओर से इस संबंध में आज आदेश जारी किए गए हैं।

इस आदेश में कहा गया है कि एतदद्वारा सूचित किया जाता है कि विज्ञापन संख्या: A-3/E-4/2021-22 दिनांक 26 नवंबर 2021 के द्वारा उत्तराखंड सम्मिलित राज्य कनिष्ठ अभियन्ता सेवा परीक्षा-2021 का विज्ञापन प्रकाशित करते हुए उक्त के सापेक्ष सात से 10 मई, 2022 को आयोजित लिखित प्रकृति ( वस्तुनिष्ठ प्रकार ) परीक्षा का परिणाम दिनांक 31.08.2022 को घोषित किया गया था।

आदेश में आगे कहा गया है कि प्रश्नगत परीक्षा के संबंध में एस.आई.टी. (स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम) द्वारा कतिपय अभ्यर्थियों के अनुचित साधनों से परीक्षा देने की पुष्टि की सूचना लोक सेवा आयोग कार्यालय को उपलब्ध करायी गयी है। परीक्षा की गोपनीयता एवं शुचिता के दृष्टिगत आयोग द्वारा सम्यक विचारोपरान्त ‘उत्तराखंड सम्मिलित राज्य कनिष्ठ अभियन्ता सेवा परीक्षा- 2021 के विज्ञापन संख्या A-3/E-4/2021-22 दिनांक 26 नवम्बर, 2021 तथा तत्संबंधी आयोजित लिखित प्रकृति (वस्तुनिष्ठ प्रकार) परीक्षा तथा उक्त के सापेक्ष अद्यतन आहूत किए गये साक्षात्कार को निरस्त किया जाता है।

आदेश में आगे कहा गया है कि इस संबंध में उत्तराखंड शासन के विभिन्न विभागों से प्राप्त होने वाले अधियाचनों एवं संगत सेवानियमावलियों के अनुक्रम में सम्मिलित राज्य कनिष्ठ अभियन्ता का नवीन विज्ञापन माह अप्रैल, 2023 के द्वितीय सप्ताह तक प्रकाशित किया जाना एवं उक्त के सापेक्ष लिखित प्रकृति (वस्तुनिष्ठ प्रकार) परीक्षा का आयोजन माह अगस्त, 2023 के अंतिम सप्ताह में किया जाना प्रस्तावित है। नवीन विज्ञापन में शासन द्वारा लिये गये निर्णय के अनुक्रम में साक्षात्कार की व्यवस्था को समाप्त किया जायेगा तथा पूर्व की उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य कनिष्ठ अभियन्ता सेवा परीक्षा- 2021’ में सम्मिलित हुए ऐसे अभ्यर्थियों को जो नवीन विज्ञापन की आयु निर्धारण तिथि के अनुसार अधिवयस्क हो रहे हैं, को उच्चतम आयु सीमा में छूट देने का प्रस्ताव शासन को संदर्भित किया जा रहा है। उक्त के अतिरिक्त कनिष्ठ अभियन्ता के नवीन विज्ञापन के सापेक्ष अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क में छूट का प्रस्ताव भी शासन को संदर्भित किया जा रहा है। नवीन विज्ञापन के संबंध में सूचना दैनिक समाचार पत्रों तथा आयोग की वेबसाइट के माध्यम से प्रकाशित की जायेगी।

कई परीक्षाएं हो चुकी है निरस्त

गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था।

इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 44 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता हाकम सिंह भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। ऐसे में कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया।

वहीं, परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता भी है। इस तरह अभी तक कई परीक्षाएं निरस्त हो चुकी हैं। इस बीच नकल विरोधी अध्यादेश को राज्य में लागू किया गया। इसमें भर्ती परीक्षाओं में नकल संबंधी मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान है। इसे लेकर सरकार अपनी पीठ भी थपथपा रही है। यहां ये भी गौर करने वाली बात है कि अध्यादेश के तहत एक छात्र सहित पोर्टल संचालक व अन्य के खिलाफ उत्तरकाशी में पहला मुकदमा दर्ज किया गया। ये मुकदमा नकल करने पर नहीं, बल्कि पेपर सेट की सील खुली होने संबंधी खामियां उजागर करने पर किया गया। जिसे माना गया कि उन्होंने भ्रामक प्रचार किया है।

यही नहीं, पांच मार्च 2023 को कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा लोक सेवा आयोग की ओर से कराई गई और अब वो भी गंभीर त्रुटियों के चलते सवालों के घेरे में है। उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने आरोप लगाया कि परीक्षा में अभ्यर्थियों को परिपाटी के अनुसार 4 सेट उपलब्ध कराये गए। चौंकाने वाली बात यह है कि चार के चार सेट में प्रश्न 1 से लेकर 100 तक कोई भिन्नता नहीं थी। उनके क्रमांक संख्या में भी कोई फेरबदल नहीं था। कुछ अभ्यर्थियों ने पहले से सील खोले जाने की शिकायत भी की। उनका कहना था कि सील जिस स्थान पर थी, उसको बड़ी सफाई से खोला गया और उसकी जगह पर नए स्थान पर सील लगा दी गई।

बेरोजगारी के चलते हर दिन 230 लोग छोड़ रहे हैं पहाड़

उत्तराखंड में बेरोजगारी का आलम ये है कि वर्ष 2018 के बाद से हर दिन पहाड़ों से 230 लोग गांव छोड़ रहे हैं। पलायन आयोग की हाल की रिपोर्ट के मुताबिक, पहाड़ों से 2018 से पहले 138 लोग रोज पलायन कर रहे थे। अब ये आंकड़ा बढ़कर 230 हो गया है। वर्ष 2018 से लेकर वर्ष 2022 तक 335841 लोग उत्तराखंड के पहाड़ों से पलायन कर चुके हैं।

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#Now the written test and interview of Junior Engineer is canceled but still “All is well”