आम आदमी पार्टी नेता रविंद्र जुगरान

देहरादून,  आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता रविन्द्र जुगरान ने भाजपा विधायक द्वारा मास्क खरीद में घोटाले और देहरादून में नाईट कर्फ्यू लगाए जाने पर सवाल उठाया है। आज आप पार्टी के प्रदेश कार्यालय में एक प्रेसवार्ता करते हुए जुगरान ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। जुगरान ने बीजेपी विधायक खजानदास द्वारा उठाए गए। मास्क खरीद को लेकर बीजेपी सरकार पर सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश जानता है कि बीजेपी के राज में कई भ्रष्टाचार हुए और अब मास्क खरीद घोटाला सामने आया है, जिसपर खुद राजपुर विधायक खजानदास ने मुख्यमंत्री के सामने ही कई गंभीर सवाल खडे करते हुए भ्रष्टाचार होने के संकेत दिए हैं।
रविन्द्र जुगरान ने कहा कि जिन मास्क की कीमत बाजार में 5 रुपये थी, स्वास्थ्य विभाग ने उन्हीं मास्क को कोरोना काल के दौरान 15 से 16 रुपये में खरीदा। हर विधायक ने अपनी निधि से मुख्यमंत्री राहत कोष में 15.15 लाख रुपये दिए थे लेकिन उन पैसों की कैसे बंदरबांट हुई विधायक ने खुद ही इसको उजागर कर दिया है। बताया कि नगर निगम द्वारा भी कोरोना काल में मंहगी दरों पर सोडियम हाइपोक्लोराइड खरीदा गया जिसका दाम बाजार मूल्य से 5 गुना अधिक था। 12 रुपये प्रति लीटर मिलने वाला सोडियम हाइपोक्लोराइड 60 रुपये की दर से खरीदा गया। जिसमें लाखों रुपये का हेरफेर किया गया। लेकिन वो जांच भी ठंडे बस्ते में धूल फांक रही है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं कोविड सैंटर में काम करने वाले बच्चों ने कोरोना काल में मेहनत से अपना काम किया तो सरकार उनका मानदेय बढ़ाने के बजाय उनको नौकरी से हटाने पर आमादा है। ये राज्य का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि भ्रष्टाचार करने वालों पर मेहरबानी और मेहनत करने वालों को सजा दी जाती है। उन्होंने भारत सरकार पर सवाल खडे करते हुए कहा कि हमारे देश में कई राज्यों में सिर्फ दो से तीन दिन की कोरोना वैक्सीन का स्टॉक शेष है लेकिन दूसरी ओर भारत सरकार पाकिस्तान को करोड़ों वैक्सीन किस आधार पर दे रही है। जबकि हमारे देश में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी लोगों की लंबी लंबी कतारें वैक्सीन के लिए लग रही हैं। उन्होंने नाइट कर्फ्यू पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि नाईट कर्फ्यू का राजधानी में कोई औचित्य नहीं ंहै। उन्होंने बताया कि देहरादून में महज एक प्रतिशत लोग ही रात को बाहर रहते हैं। जबकि दिन के वक्त लगभग सभी लोग घरों से बाहर रहते हैं। इसलिए सरकार को चाहिए कि वो अन्य राज्यों की तरह नकल करना बंद करे क्योंकि नाईट कर्फ्यू वहां लगाया जाना मुनासिब है जहां रात में लोग घरों से बाहर निकलते हों और इस तरह से लोगों में महामारी को लेकर एक खौफ बन जाएगा जो यथोचित नहीं है। देहरादून में ये कर्फ्यू आधारहीन है।