-स्वयं के खर्चे से क्षेत्र में लगाई मशरूम प्रशिक्षण की यूनिट, अब तक तीन सौ अधिक महिलाएं ले चुकी हैं प्रशिक्षण
-दूरस्थ क्षेत्र की महिलाओं को मिला रोजगार, क्षेत्र में युवा प्रधान नवीन सेमवाल की प्रशंसा
रुद्रप्रयाग,
मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लेती महिलाएं। |
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें घर में ही रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गढ़माटी संगठन विकासखण्ड जखोली के दूरस्थ क्षेत्र पूर्वी बांगर में कार्य कर रही है। ग्रामीण महिलाओं को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को घर में ही रोजगार मिल रहा है ?और उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है। गढ़माटी संगठन के इस प्रयास की क्षेत्र में सराहना की जा रही है।
जिले के सुदूरवर्ती पूर्वी बांगर क्षेत्र में बढ़ते पलायन से चिंतित गढ़माटी संगठन से जुडे़ नवीन सेमवाल ने एक तरकीब निकाली। उन्होंने ग्रामीणों को घर में ही रोजगार देने की ठानी, जिससे वे आत्मनिर्भर बनने के साथ ही उनकी आर्थिकी भी मजबूत हो सके। क्षेत्र में जंगली जानवरों का काफी आतंक है। ऐसे में खेती से ग्रामीणों का ध्यान खत्म होता जा रहा है, जिससे पलायन भी बढ़ रहा है। गढ़माटी संगठन की अध्यक्ष रंजना रावत से प्रेरित होकर प्रधान डांगी नवीन सेमवाल ने क्षेत्र को विकसित करने के साथ ही पलायन को रोकने का मन बनाया। उन्होंने पहले क्षेत्रीय जनता को जागरूक किया और फिर क्षेत्र में मशरूम की यूनिट लगाई। श्री सेमवाल ने स्वयं के खर्चे से क्षेत्र में यूनिट लगा दी। यूनिट लगाने के बाद पन्द्रह महिलाओं को रोजगार दिया और मशरूम उत्पादन की कला सिखाई। आज स्थिति यह है कि गांव की तीन सौ से अधिक महिलाएं मशरूम का प्रशिक्षण ले रही हैं और उन्हें यह कार्य काफी पसंद भी आ रहा है।
प्रधान डांगी नवीन सेमवाल ने बताया कि क्षेत्र में रोजगार का कोई भी साधन नहीं है। खेती से ग्रामीणों का ध्यान कम होता जा रहा है। जो लोग खेती कर भी रहे हैं, उन्हें हर समय जंगली जानवरों का डर बना रहता है। उन्होंने कहा कि गढ़माटी संगठन की अध्यक्ष रंजना रावत से मशरूम उत्पादन की प्लानिंग तैयार करने के बाद ग्रामीणों के बीच बैठक रखी और ग्रामीणों को समझाया गया। उन्होंने बताया कि यूनिट लगाने के बाद सबसे पहले पन्द्रह महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया, जिसके बाद आज तीन सौ से अधिक महिलाओं को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। दूरस्थ गांव की महिलाएं प्रशिक्षण् लेने के बाद अब अपने घर में ही रोजगार कर रही हैं। मशरूम उत्पादन एक ऐसा रोजगार जरिया है, जिसमें मेहनत कम और मुनाफा ज्यादा है। उनका मकसद है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाय। कहा कि सुदूरवर्ती इलाकों में महिलाओं के हाथों में जब रोजगार होगा तो निश्चित ही पलायन पर रोक लगेगी और अच्छी कृषि व अच्छी फसल की उन्नति होगी। ग्रामीण गीता देवी कोठियाल, पंडित श्रीधर प्रसाद सेमवाल, प्रधान उच्छोला ईश्वर सिंह पंवार ने कहा कि युवा प्रधान नवीन सेमवाल का यह प्रयास सराहनीय है। गांव में ही महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वी बांगर क्षेत्र में पहली बार स्वरोजगार और विकास कार्य को लेकर क्षेत्रीय जनता में उत्साह बना है। मशरूम उत्पादन से लेकर कृषि की जानकारी ग्रामीणों तक पहुंच रही है। ग्राम पंचायत डांगी में विकास के मुद्दों को लेकर कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार से ही ग्रामीण क्षेत्रों का पलायन रूक सकता है।