देेहरादून, अगवा युवक मोती सिंह की हत्या की गुत्थी सुलझने के बजाए उलझती जा रही है। छह दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस मोती सिंह का शव तलाश नहीं पाई है। मामले की गुत्थी रविवार शाम उस समय और उलझ गई जब गिरफ्तार आरोपियों ने अपनी बात बदल दी। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने मोती की हत्या के बाद शव डाकपत्थर झूला पुल नहीं, बल्कि ढालीपुर पावर हाउस के पास फेंका है। यही वजह रही कि पुलिस सोमवार को पूरे दिन ढालीपुर पावर हाउस के पास सर्च ऑपरेशन चलाती रही। नौ घंटे चले सर्च अभियान के बावजूद पुलिस को कामयाबी नहीं मिली।

आरोपी अब तक पुलिस को यह बताते आ रहे थे कि मोती की हत्या के बाद शव को डाकपत्थर झूला पुल से नीचे शक्तिनहर में फेंक दिया था। पुलिस अब तक डाकपत्थर झूला पुल से लेकर ढकरानी बैराज तक सर्च ऑपरेशन चलाए हुए थी। इसके लिए न सिर्फ एसडीआरएफ और जल पुलिस बल्कि जौनसार बावर एवं पछवादून के लोग भी मोती के शव की तलाश में जुटे थे। लेकिन, छह दिन बाद भी मोती की बरामदगी में सफलता नहीं मिली। जिससे क्षेत्र के लोगों में भारी नाराजगी है। इस मामले में महाप्रबंधक यमुना घाटी यूजेवीएनएल इरशाद अली का कहना है कि शक्तिनहर में कूदकर आत्महत्या करने का मामला हो या फिर किसी ने हत्या कर शव को नहर में फेंका हो, अब तक के जितने भी मामले हुए हैं यह देखने में आया है कि ढालीपुर पावर हाउस से नीचे कोई शव नहीं गया।
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 ढालीपुर पावर हाउस में रेक्स लगे हैं, इससे नीचे बॉडी नहीं जा सकती, इतना जरुर है कि लापता होने के आठ से दस दिन बाद भी नहर से शव मिले हैं।
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