-मां अनसूया ने ललिता त्रिपुरी सुंदरी और विश्वनाथ भगवान के किए दर्शन
रुद्रप्रयाग, बाबा केदारनाथ से विदा लेकर संतानदायिनी माता अनसूया शुक्रवार को रात्रि प्रवास के लिए अपनी ध्याण सीमा असवाल के घर पहुंची। माता अनसूया ने नाला गांव में ललिता त्रिपुरी सुंदरी और गुप्तकाशी में विश्वनाथ मंदिर व सिलोंजा माता के दर्शन भी किए। माता अनसूया की रथ डोली यात्रा में भक्तों का हुजूम उमड़ रहा है।
शुक्रवार को सुबह चार बजे माता अनसूया की डोली ने मंदाकिनी नदी में पवित्र स्नान किया। इसके बाद तीर्थ पुरोहित बलराम तिवारी, पुजारी विनोद सेमवाल, नवीन, प्रवीण, पंकज, सचिन और पंकु ने मां भगवती की नित्य पूजाएं संपन्न की। सुबह सात बजे माता की डोली ने केदारनाथ मंदिर में प्रवेश किया। करीब एक घंटे तक केदारनाथ भगवान की विशेष पूजाएं संपन्न हुई। केदारनाथ के वेदपाठी ब्राह्मणों ने वेद मंत्रों से माता अनसूया और केदारनाथ भगवान की पूजा-अर्चना संपन्न की। सुबह बाल भोग लगने के पश्चात ठीक आठ बजे अपने पुत्र से विदा लेकर माता अनसूया ने गुप्तकाशी के लिए प्रस्थान किया। शाम चार बजे माता की डोली गुप्तकाशी पहुंची। यहां स्थानीय लोगों ने माता अनसूया का फूल-मालाओं और अक्षत से भव्य स्वागत किया। महिलाओं ने मांगल गीत गाकर अपनी आराध्य देवी का आह्वान किया।
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सेमवाल पुजारी पंचायत के अध्यक्ष बल्लभ प्रसाद सेमवाल ने बताया कि शनिवार को माता की उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए मंडल गांव पहुंचेगी और रविवार को माता श्री बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा पर जाएगी। इस मौके पर संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य राकेश जमलोकी, आचार्य कृष्णानंद नौटियाल, वीरेंद्र असवाल, विपुल राणा, प्रवीण बिष्ट, राहुल बिष्ट, केशव, राजेंद्र बिष्ट, हरेंद्र बिष्ट, दिगंबर, लक्ष्मण सिंह फरस्वाण, नरेंद्र असवाल, अमित, राकेश रावत आदि मौजूद थे।