14 नवंबर, 2020 देहरादून शहीद स्मारक में उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद ने अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत एक बैठक का आयोजन किया। बैठक का एजेंडा परिषद के विस्तार पर केंद्रित था मगर दो दिन पूर्व हुए घटनाक्रम जिसके चलते वरिष्ठ आंदोलनकारी श्री सकलानी को दून अस्पताल में वेंटिलेटर न मिल पाने के कारण दर्दनाक मृत्यु का सामना करना पड़ा को प्राथमिकता से जोड़ा गया।

प्रदेश के समस्त आंदोलनकारियों को दिये जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा  करते हुए अध्यक्ष गणेश डंगवाल ने कहा कि वर्तमान सरकार में  जब तक यह विभाग स्व0 प्रकाश पंत जी के पास था तब तक व्यवस्थाएं फिर भी ठीक थीं मगर उनकी मृत्यु के बाद जब से यह विभाग  मुख्यमंत्री के पास आया तभी से यह  “आपदा में अवसर” पैदा करने वाला बन चुका है। इसी मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी के नवनीत गुसाईं ने कहा कि जब केंद्र सरकार अन्य राज्यों को वेंटिलेटर दे रही है तो माननीय त्रिवेन्द्र रावत जी को क्यों उत्तराखंड के लिए माँगने में क्यों शर्म आ रही है या इसमें भी कुछ अतिरिक्त फ़ायदा ढूंढ रहे हैं। इसके बाद कार्यकारिणी के सदस्यों ने विचार-विमर्श कर संगठन का विस्तार करते हुए जिलाध्यक्ष पद के लिए श्री सुरेश कुमार के नाम का प्रस्ताव जिसे सर्व सम्मति से पारित कर उन्हें अति शीघ्र जिला स्तर पर एक मजबूत टीम बनाने का निर्देश देते हुए पुनः चर्चा में लौटते हुए प्रदेश की लचर स्वस्थ सुविधाओं व उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के स्वास्थ्य संबंधी मामलों पर बरते जा रहे उदासीन रवैये को लेकर एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राज्यपाल महोदया को प्रेषित करने का निर्णय लेते हुए ज्ञापन दिया गया। बैठक के अंत में स्वर्गीय बी० एल० सकलानी जी की आत्मा की शांति हेतु 2 मिनट का मौन रखा गया ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता नवनीत गुसाईं व संचालन विपुल नौटियाल द्वारा किया गया। बैठक के बाद ज्ञापन देने वालों में सर्वश्री नवनीत गुसाईं, गणेश डंगवाल,जगमोहन सिंह,अम्बुज शर्मा,वीरा भंडारी, विपुल नॉटियाल, सुरेश कुमार,विनोद,असवाल,प्रवीण गुसाईं, प्रभात डंडरियाल, रामपाल आदि लोग मौजूद थे।

 

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