देहरादून, जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक जिलाधिकारी/अध्यक्ष सड़क सुरक्षा समिति, एस.ए मुरूगेशन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में सड़क सुरक्षा समिति से जुड़े विभिन्न विभागों व पक्षों यातायात पुलिस, नागरिक पुलिस, लो.नि.वि, लो.नि.वि (एनएच), एनएचआई के सभी सदस्यों ने जनपद में सड़क दुर्घटना के विभिन्न कारणों, संवेदनशील क्षेत्रों, दुर्घटना के विभिन्न आंकड़ों और सड़क दुर्घटना रोकने के सभी प्रकार के संभावित विकल्पों पर विस्तृत चर्चा की गयी।
जिलाधिकारी ने यातायात पुलिस, लोक निर्माण विभाग और नागरिक पुलिस तथा सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभिन्न क्षेत्रों में सड़क दुर्घटना रोकने हेतु संयुक्त टीम बनाते हुए निरीक्षण करें और विभिन्न स्थानों में किये जा सकने वाले सुधारत्मक कार्यों को पूरा करने और उसके खर्च इत्यादि का आगंणन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने 4 फरवरी से 10 फरवरी तक चलाये जाने वाले ‘सड़क सुरक्षा अभियान’ में सम्बन्धित विभागों को सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न गतिविधियां सम्पादित करने और लोगों के बीच जनजागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिये। उन्होंने 108 जैसी आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा के आतकाल के दौरान देरी से पंहुचने और प्राइवेट अस्पतालों की एम्बुलेंस द्वारा अतिरिक्त व अनावश्यक चार्ज वसुले जाने की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को इसमें तत्काल सुधार करने और आगे से इस प्रकार की शिकायत आने पर सम्बन्धित प्राइवेट एम्बुलेंस के पंजीकरण पर वैधानिक कार्यवाही करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में यातायात पुलिस और लो.नि.वि को अपने नोडल अधिकारी नामित करते हुए सड़क दुर्घटना रोकने के सभी प्रयास अमल में लाने के निर्देश दिये।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती ने सड़क सुरक्षा के लिए विभिन्न स्थानों पर सुप्रीम पोस्ट/रम्बल स्ट्रीप, वाहनों के पीछे तथा सड़क के दोनों ओर रेडियम रिफ्लैक्टर लगाने, अनावश्यक स्पीड ब्रेकर हटाने और जहां बहुत जरूरी हो वहां लगाने, आवश्कतानुसार बैरियर्स, सड़क में बिखरे निर्माण सामग्री हटाने, इत्यादि सभी तरीकों पर कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अधिकतर सड़क दुर्घटना के आंकड़े विकासनगर और सहसपुर क्षेत्र के हैं और हल्के चार पहिया वाहन तथा दुपहिया वाहन दुर्घटना के आंकड़े अधिक सामने आये हैं। उन्होंने कहा कि नियमित चैकिंग करने की जरूरत है और मोटर वाहन अधिनियम के मानक के तहत सख्ती से कार्यवाही होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभाग और स्टेक होल्डर्स को सड़क दुर्घटना रोकने में आपसी समन्वय से सभी तरह के सकरात्मक तरीके अपनाने, सुप्रीम कोर्ट रोड सेफ्टी कमेटी के निर्देशों का अनुपालन करने, दुर्घटना संवेदनशील बाहुल्य क्षेत्रों की पहचान और तद्नुसार वहां दुर्घटना कम करने की विशेष रणनीति पर कार्य करने, लो.नि.वि, एन.एच, एनएचआई को ब्लैक स्पाॅट चिन्हित कर ठीक करने, हाईवे इंजीनियर्स प्रशिक्षण-रोड सेफ्टी आडिट करने, मैनपावर बढाने, सम्बन्धित विभागों को इक्वीपमैन्ट पूरे रखने तथा मोटर अधिनियम का सख्ती से पालन करने, रोड सेफ्टी फण्ड, वाहन चालकों को प्रशिक्षण, वाहन फिटनेस, आटोमेटिक ड्राईविंग टैस्ट, सिमुलेटर, सैल्फ स्पीड गवर्नेंस/कन्ट्रोलयुक्ति जैसे आधुनिक तकनीक कौशल का उपयोग करने के निर्देश दिये। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरविन्द पाण्डेय, सी.ओ यातायात राकेश देवली, अधिशासी अभियन्ता लो.नि.वि जे.एस चैहान, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी अरविन्द पाण्डेय सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी और कार्मिक उपस्थित थे।