नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के घर पहुंचकर संवेदना व्यक्त की। इस दौरान उनके साथ गए कुछ लोग मोबाइल से शहीद परिवार की फोटो लेने लगे। कुछ ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। जिस पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा।उन्होंने न केवल इन लोगों बल्कि नेता प्रतिपक्ष को भी खूब खरी-खरी सुनाई। साथ ही अपील की कि उन्हें इस तरह परेशान न किया जाए। गुस्सा बढ़ता देख नेता प्रतिपक्ष को वहां से लौटना पड़ा।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के पिंगलिना में आतंकी मुठभेड़ में दून के मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल शहीद हो गए थे। पिछले साल अप्रैल में ही उनकी शादी हुई थी। वह तीन बहनों के अकेले भाई थे।

मंगलवार को दून ने उन्हें अंतिम विदाई दी। उनकी अंतिम यात्रा में न केवल जनसैलाब उमड़ पड़ा, बल्कि अब तक लोग शहीद परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुंच रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश नेशविला रोड स्थित उनके आवास पहुंची।
इस दौरान कई समर्थक भी उनके साथ थे। जिन्होंने शहीद के परिजनों का मोबाइल से फोटो खींचने व वीडियो बनाना शुरू कर दिया। जिस पर उन्हें परिजनों के गुस्से का सामना करना पड़ा। परिवार का कहना था कि वह इस वक्त असहनीय पीड़ा से गुजर रहे हैं, पर कुछ लोग संवेदना के नाम पर उनकी निजता से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।
परिवार के कई फोटो व वीडियो सोशल साइट्स पर अपलोड किए जा चुके हैं। इससे वे आहत हैं। उन्होंने तमाम लोगों से अपील की है कि वह ऐसा कुछ न करें, जिससे परिवार को तकलीफ हो।
हरदा ने की शहीद परिवारों से मुलाकात
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी गुरुवार को शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट व मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में वह उनके साथ हैं। उनसे जब जितना सहयोग बन पड़ेगा, वह करेंगे। रावत पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के एएसआइ मोहन लाल रतूड़ी के घर भी गए। शोकाकुल परिवार को उन्होंने ढांढस बंधाया।