एमएलए बिकाऊ हैं, बोलो खरीदोगे ………………………
थोक में खुदरा में
गोवा में कर्नाटक में
लोकतंत्र की मंडी में
एमएलए बिकाऊ हैं, बोली लगाओगे
दिन के उजाले में
रात के अंधेरे में
नगद में बयाने में
एमएलए बिकाऊ हैं, सट्टा लगाओगे
सत्ता के बचाव में
सत्ता के दबाव में
सिंगल कोई जोड़े में
एमएलए बिकाऊ हैं, सच दिखाओगे
नोट भरे बक्सों में
चमचमाती गाड़ी में
लोकतंत्र की आड़ में
एमएलए बिकाऊ हैं, रेट बताओगे
स्पीकर के कक्ष में
विपक्ष के झमेले में
कुर्सी की हवस में
एमएलए बिकाऊ हैं, दांव लगाओगे
बिना जीएसटी में
पूरे एमएसपी में
सत्ता की हनक में
एमएलए बिकाऊ हैं, धंधा खुलाओगे
उत्तर में दक्षिण में
पूरब में पश्चिम में
गांधी तेरे देश में
लोकतंत्र बिकाऊ है, आंसू बहाओगे ………………………

( महीपालसिंह नेगी )