शौचालय के बाहर यात्रियों की लगी लाइन।
-केदार यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुण्ड में समस्याओं का अम्बार 
-शौचालय की नहीं है सुविधा, पानी, बिजली से जूझ रहे यात्री 
       रुद्रप्रयाग,  केदार यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकुण्ड में समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है। आलम यह है कि यात्रा के बारह दिनों में ही व्यवस्थाओं की हव्वा निकल गई है। पानी, बिजली, शौचालय, गैस की समस्या से तीर्थयात्री जूझ रहे हैं। यहां तक की यात्रियों को रहने की भी मुसीबत हो रही है। यात्रा पड़ावों में फैली समस्याओं से तीर्थयात्री अच्छा संदेश लेकर नहीं जा रहे हैं।
नौ मई को भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद से ही केदार यात्रा के अहम पड़ाव गौरीकुण्ड में समस्याएं बनी हुई है। तीर्थयात्रियों को आये दिन किसी न किसी मुसीबत से जूझना ही पड़ रहा है। यात्रा व्यवस्थाओं में लगे अधिकारी भी समस्याओं को सुनने को तैयार नहीं है। ऐसे में स्थानीय व्यापारियों एवं तीर्थयात्रियों की मुसीबते बढ़ना लाजमी है। यात्रा से पूर्व प्रशासन की ओर से किये गये सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। अधिकारियों के बीच सामंजस्य कई भी नजर नहीं आ रहा है। व्यापारियों की शिकायत पर अधिकारी कोई गौर नहीं कर रहे हैं। गौरीकुण्ड बाजार केदारनाथ धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव है। यहीं से ही भगवान केदारनाथ की पैदल यात्रा शुरू होती है। 19 किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचते हैं, लेकिन यात्रा के शुरूआती पड़ाव में ही तीर्थयात्रियों को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। गौरीकुण्ड बाजार में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं तो पानी की समस्या चार-पांच दिनों से बनी हुई है। इसके अलावा शौचालय भी पर्याप्त मात्रा में नहीं है। लाइन लगाकर यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। शौचालय की गंदगी सीधे मंदाकिनी नदी में प्रवाहित हो रही है। गर्म कुण्ड के पास यात्री नहा रहे हैं और उनके तन का मैल नदी में जा रही है। यात्रा पड़ाव में ऐसी गंदगी पहले कभी देखने को नहीं मिली, जितनी इस बार देखने को मिल रही है। चार साल से सुलभ इंटरनेशनल को शौचालय बनाने का जिम्मा दिया गया है, लेकिन सुलभ की ओर से सिर्फ करोड़ों के धन का वारा-न्यारा किया गया। यात्रा पड़ावों पर बने शौचालयों में घटिया कार्य किया गया है, जबकि शौचालय भी पूरे नहीं बने हैं। इन शौचालयों की गंदगी नदी में प्रवाहित हो रही है। इसके अलावा पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की लीद से यात्री परेशान हैं। तीर्थयात्री घोड़े-खच्चरों की लीद से फिसल रहे हैं, जबकि यात्रा मार्ग पर गंदगी फैले होने से तीर्थयात्री नाक में रूमाल बांधकर चल रहे हैं। व्यापार संघ अध्यक्ष गौरीकुण्ड अरविंद ने कहा कि यात्रा पड़ावों में अव्यवस्थाएं फैली होने से तीर्थयात्री परेशान हैं।
यात्रियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। गौरीकुंड में सफाई के बुरे हाल हैं। गौरीकुंड से केदारनाथ तक घोड़े-खच्चरों की लीद से यात्रा मार्ग गंदा हो गया है। नमामि गंगे योजना पर पलीता लग रहा है। सुलभ इंटरनेशन अपनी मनमर्जी से कार्य कर रहा है। बाहरी व्यक्तियों को रोजगार दिया गया है। तीर्थयात्रियों के लिए पर्याप्त मात्रा में शौचालय नहीं बनाये गये हैं और सुलभ इंटरनेशनल का व्यापार संघ को कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि करोड़ों रूपयों का वारा-न्यारा किया जा रहा है। गर्मकुण्ड के नजदीक बने शौचालय से गंदगी बाहर निकल रही है और शौचालय का यात्रियों से पैंसा वसूला जा रहा है। पानी के लिए जल संस्थान के अवर अभियंता को कहा गया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन की ओर से व्यवस्थाओं को दुरूस्त नहीं किया गया तो 23 मई के बाद सुलभ इंटरनेशनल और प्रशासन के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा।