हरिद्वार, गुरु पूर्णिमा पर हरकी पौड़ी पर जमकर कोविड नियमों की धज्जियां उड़ी। हरकी पौड़ी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे। वहीं, स्नान पर शासन द्वारा किए गए दावों की भी हरकी पौड़ी पर आज पोल खुलती नजर आयी। हरिद्वार आए श्रद्धालुओं से न तो कोविड गाइडलाइन का पालन किया और न यहां किसी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग दिखाई दी।  पुलिस-प्रशासन गुरु पूर्णिमा पर स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंचे श्रद्धालुओं से कोविड गाइडलाइन फोलो करवाने में नाकाम साबित हुआ। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आकर गंगा स्नान के बाद अपने-अपने गुरुओं की पूजा करते थे। लेकिन कोरोना काल के चलते इस बार भी गुरु पूर्णिमा का स्नान को सीमित रखा गया है। कोरोना के कारण हरिद्वार में धार्मिक अनुष्ठानों के लिए बाहर से आ रहे यात्रियों पर कुछ पाबंदियां हैं। वहीं, हरिद्वार की सीमाओं पर कड़ी चौकसी बरती जा रही है।

पुराणों के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु का वास जल में होता है, जिसकी वजह से पूर्णिमा के दिन नदी में स्नान, दान और भगवान विष्णु और शिव-पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि आज ही के दिन वेदों की रचना करने वाले वेद व्यास का जन्म हुआ था। इसलिए आज के दिन गुरुओं की पूजा का प्रावधान है। श्रद्धालुओं का कहना है कि हरिद्वार में स्नान कर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है। जिसके बाद वह अब अपने गुरुओं के दर्शन के लिए जाएंगे। साथ ही श्रद्धालुओं का कहना है कि हर की पैड़ी पर किसी भी तरह की कोरोना गाइडलाइन का नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।