केंद्रीय भाजपा सरकार द्वारा पौड़ी के व्यास घाट से टिहरी के सिंगरौली तक 19 किलोमीटर मोटर मार्ग की योजना को स्वीकृति दी गई थी इसमें सिमताली गांव के नीचे गंगा नदी पर पुल का निर्माण होना था इस मार्ग से बद्रीधाम स्थित व्यास गुफा से गंगा नयार संगम पर स्थित व्यास घाट तथा कैलाश मानसरोवर की प्रवेश द्वार कुमाऊ की व्यास पट्टी के यात्रा परिपथ विकसित होने से उत्तराखंड में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलना निश्चित था. परियोजना की औपचारिकता पूरी होकर मार्च 2020 में टेंडर आमंत्रित होने के बाद और विश्व बैंक द्वारा धन अवमुक्त किया जाना बाकी था . वर्षों की तैयारी के बाद जब परिजनों प्रारंभ होने वाली थी तो सरकार ने एक भू – माफिया के इशारे पर दिनांक 15 जनवरी 2020 को शासनादेश जारी कर पुल निर्माण कार्य को निरस्त कर दिया. जिसका शासनादेश में कोई कारण नहीं बताया गया. उक्रांद ने 17 फरवरी 2020 को इस परियोजना में एक माफिया के इशारे पर सरकार द्वारा अवरोध पैदा किए जाने का रहस्योद्घाटन किया था साथ ही यह भी उजागर किया था कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर रोड बनाने वाले माफिया के इशारे पर स्वीकृत सुदा परियोजना में जनता के हित की विपरीत स्वयं राज्य सरकार अवरोध पैदा कर रही है
सावड़ा नामक इस व्यक्ति के प्रस्तावित आर्ट गैलरी का दिनांक 20 मार्च 2020 को राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का शिलान्यास करने पहुंचे जिसके लिए निमंत्रण पत्र सोशल मीडिया से भी भेजे गए हैं एक तरफ न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश व विश्व में कोरोना वायरल से बचने के लिए देश के प्रधानमंत्री सार्वजनिक सभा समारोह को प्रतिबंधित कर जनता कर्फ्यू ऐलान कर रहे हैं तो दूसरी राज्य के मुख्यमंत्री शासनादेश जारी कराया है दूसरी ओर वे स्वयं एक माफिया द्वारा शासनादेश के विरुद्ध आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में भाग लेने पहुंचे यह भी संज्ञान रहे कि प्रस्तावित योजना के लाभार्थी 23 ग्राम वासियों की आम बैठक से पुल का बनाये जाने की मांग की गई थी परंतु उसकी तो कोई सुनवाई नहीं हुई मगर आज भू- माफिया हाथ मिला कर पुल को अयंत्र बनाने की तैयारी कर ली गई है . एक तरफ तो सरकार करोना वायरस के कारण स्कूल कॉलेज, सरकारी कार्यालय बंद करवा रही है तो दूसरी तरफ क्षेत्र में जनता के हितों को दरकिनार कर ऐसे अतिथियों को आमंत्रित कर शिलान्यास समारोह करना उत्तराखंड में करोना न्योता देने के बराबर है उत्तराखंड सत्ता पक्ष द्वारा इस तरह के ऐसे राज्य विरोधी मुद्दों को जनता के बीच में लाने वालों में उक्रांद के श्री शान्ति प्रसाद भट्ट, एस एस पांगती,समीर मुंडेपी, प्रोमिला रावत, राजेन्द्र बिष्ट, संजीव शर्मा, प्रकाश थपलियाल,लक्ष्मी रावत, राजेश्वरी रावत, मेहर सिंह राणा, सरदार सिंह पुंडीर, विनोद रावत आदि लोग थे जिन्हें मुख्य्मंत्री के पहुंचने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
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