कोराना वायरस के रेड अलर्ट होने के बाद भी देहरादून में शुरू हुए झंडा मेला में लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुँच गये तो दूसरी तरफ उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के रंणकुबेरों ने अपने 18 मार्च को होने वाले अपने नाटक “काला दिवस” को रद्द कर दिया। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और पूर्व मंत्री धीरेंद्र प्रताप और केंद्रीय अध्यक्ष हरि कृष्ण भट्ट ने 18 मार्च को आयोजित “काला दिवस” कार्यक्रम को कोराना वायरस के डर से रद्द कर दिया है।
दो बार उत्तराखंड आंदोलनकारी सम्मान परिषद् के अध्यक्ष रहते हुए भी कुछ न करने वाले धीरेंद्र प्रताप ने एक बार फिर अपने पुराने हथकंडों के साथ मैदान में उतारते हुए कहा कि जब तक गैरसैंण को राजधानी नहीं बनाया जाता और पलायन चिन्हिकरण,10% आरक्षण, मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा सरकार नहीं दिला देती तब तक सड़कों पर (उत्तराखंड की या दिल्ली की अभी स्पष्ट नहीं है ) अपना विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने राज्य सरकार से भी 18 मार्च के तमाम सरकारी कार्यक्रम रद्द करने को कहा है और राज्य की जनता को कोराना वायरस की महामारी से बचाने के लिए तमाम प्रयास प्राथमिकता के आधार पर किए जाने की सलाह दी है।
मेरे हजूर ! जो पहाड़ी २० साल से वैसे भी कोमा में चल रहे हों उनका कोराना वायरस क्या बिगाड़ लेगा?
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