देहरादून के मशहूर शायर हरजीत का एक शेर है कि ……

कहाँ आगाज़ की ईंटे, कहाँ अंजाम की बस्ती
बड़ा ही फ़र्क होता है बात कहने और करने में…

देहरादून, 11 मार्च: जहाँ कल तक सरकार बनाने की बातों का शोर था आज वहीं उदासी और मायूसी का आलम है।

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वहीं दूसरी ओर चुनावों में मिली बड़ी सफलता के बाद उत्साह और खुशी का माहौल नजर आया। मतगणना शुरू होने के बाद से ही बीजेपी का मुख्यालय रौनक और उल्लास का माहौल नज़र आ रहा था और कार्यकर्ता,नेता, पदाधिकारी पार्टी कार्यलय में बने हुए थे तो दूसरी तरफ़ कांग्रेस मुख्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ नजर आ रहा था।

ये सन्नाटा इस बात की गवाही था कि इतनी बुरी हार कांग्रेस ने तो सपने में भी नहीं सोची थी। कहाँ तो कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने के सुनहरे सपने देख, मुख्यमंत्री पद के लिए घेराबंदी कर रही थी। लेकिन जनता ने उनके प्रमुख चेहरे को ही धूल चटा कर सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अब गणेश-हरदा की जोड़ी काँग्रेस को कहाँ तक ले जायेगी या आलाकमान गलतियों से सबक़ लेकर कोई बड़ा कदम उठता है ये तो आने वाले दिनों में तय होगा। मगर चुनाव परिणामो के बाद कांग्रेस भवन के इस नजारे ने चुनाव में मिली करारी हार से उत्पन्न हुई निराशा और दुःख को तो प्रदर्शित कर ही दिया।

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