वो एक युवा ग्राम प्रधान है जो रोज़ी रोटी के लिए साहसिक पर्यटन का उद्यम चलाता है. नाम है मुकेश पंवार और गांव है अगोड़ा जो सीमान्त जनपद उत्तरकाशी की अस्सी गंगा घाटी में डोडिताल के रास्ते पर पड़ता है. अगोड़ा गांव मोटर सड़क से सिर्फ 6 किलोमीटर दूर है और पेंसिल की लकीर से खिंचे आड़े तिरछे रास्ते को मिटाने के लिए भूस्खलन हमेशा मौके की ताक पर रहते हैं
इस रास्ते पर चल कर पूरी दुनिया से आये हजारों पर्यटक डोडिताल घूमने जाते हैं और रस्ते में पड़ता है आखरी गाँव अगोड़ा. लेकिन ट्रेकिंग के इस धंदे पर इन्टरनेट से चलने वाली कंपनियों का कब्ज़ा है इसलिए अगोड़ा के प्रशक्षित युवा पूरे देश में बिखर गए हैं आजीविका कमाने के लिए. अब जब की कोरोना की मार के चलते ये घर लौट रहे हैं तो उनके लिए सुरक्षित क्वारनटीन सेंटर बनाने के लिए अगोड़ा के युवा ग्राम प्रधान मुकेश पंवार ने अपना सारा एडवेंचर इक्विपमेंट (टेंट, स्लीपिंग बैग) झोंक दिया है. मुकेश पंवार का कहना है की एडवेंचर टूरिज्म का मूल मन्त्र है Safety First. जिन्दा रहे तो ये सब फिर जोड़ लेंगे
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