देहरादून, जौनसार बावर क्षेत्र विकास समिति द्वारा पवेलियन मैदान में आयोजित किए जा रहे उत्तराखंड जनजातीय महोत्सव में कलाकारों द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी गई। विभिन्न जनजातियों के कलाकारों द्वारा अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई।
दूसरे दिन समारोह का शुभारंभ महासू स्तुति . ओम नमो देवा महासू देवा….. की प्रस्तुति के साथ हुआ। धारचूला से आए सांस्कृतिक दल ने रंगीला ग्वाल के निर्देशन में शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। विनोद चैहान ने दानवीर कर्ण पर आधारित लोकगीत पेश किया। विजय चैहान आदि कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति से समां बांधा। लोकगायिका रेशमा शाह की प्रस्तुति पर दर्शक थिरकने को मजबूर हो गए। महोत्सव में लोकगायक अरविंद राणा, राहुल वर्मा, अतर शाह, प्रियंका पंवार, सीताराम चैहान, लक्की उनियाल, कृपा रांग्टा, देवेंद्र पंवार, नरेश बादशाह, महिपाल चैहान आदि ने अपनी सुंदर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन बाबूराम शर्मा, प्रेम पंचोली, सुशील गौड़, सत्येंद्र सिंह पाल ने किया। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक जौनसार बावर क्षेत्र विकास समिति के अध्यक्ष गीताराम गौड़ ने महोत्सव में उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया।
इस जनजातीय महोत्सव में राज्य में निवास करने वाली पांचों जनजाति जौनसारी, थारू, बोक्सा, भोटिया और राजी (वनरावत) के कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी गई। जनजातीय महोत्सव में शामिल होने के लिए राजी जनजाति के कलाकार पूर्व विधायक गगन रजवार के साथ यहां पहुंचे। राजी जनजाति की संख्या राज्य में सबसे कम है। प्रदेश में राजी जनजाति की जनसंख्या 700 के करीब है। राजी जनजाति की सामाजिक, आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। राजी जनजाति उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले में जौलजीबी क्षेत्र में निवास करती है। जौनसार बावर क्षेत्र विकास समिति के अध्यक्ष गीता राम गौड़ ने बताया कि दो दिवसीय जनजातीय महोत्सव के दौरान जनसयोग से 51 हजार रुपये की धनराशि एकत्रित की गई। इसके अलावा 26 हजार रुपये जौनसार बावर क्षेत्र विकास समिति अपनी ओर से देगी। इस प्रकार से कुल 77 हजार रुपये की धनराशि मुख्यमंत्री के माध्यम से पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों के परिजनों को सौंपी जाएगी। इस मौके पर विधायक मुन्ना सिंह चैहान, गणेश जोशी, पूर्व विधायक गगन रजवार, बीस सूत्री क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष नरेश बंसल, भाजपा जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशन रावत, जागर सम्राट पद्मश्री डा. प्रीतम भरतवाण, पूर्व शिक्षा निदेशक चंद्र सिंह ग्वाल, केएस चैहान, भारत चैहान, वीर सिंह पंवार, गिरिराज उनियाल, जमुना प्रसाद डंगवाल, सुशील गौड़, सत्येंद्र सिंह पाल, ध्वजवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।