-जनसंघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं ने किया तहसील कार्यालय का घेराव, प्रशासन के माध्यम से पीएम को भेजा ज्ञापन
विकासनगर, जनसंघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं द्वारा मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में तहसील घेराव कर सी0एम0 त्रिवेन्द्र रावत द्वारा किये गये खनन घोटाले की सी0बी0आई0 जाँच कराये जाने को लेकर प्रधानमन्त्री को सम्बोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी विकासनगर जितेन्द्र कुमार को सौंपा।
नेगी ने कहा कि उत्तराखण्ड के मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत जिनके पास खनिज मन्त्री का प्रभार भी है, ने सत्ता सम्भालते ही 40-45 दिन के अन्तराल में प्रदेश में पूर्व से स्वीकृत समस्त प्रकार के खनन पट्टे स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लान्ट,हॉटमिक्स,भण्डारण इत्यादि को 9 मई 2017 को निलम्बित करने का फरमान जारी किया कि इनका परीक्षण कर एक माह के भीतर रिपोर्ट शासन को सौंपे।
इस फरमान की आड़ में आठ महीनों तक प्रदेश में खनन कारोबार बन्द रहा तथा मोर्चा द्वारा खनन कारोबारियों से मुख्यमन्त्री की सांठ-गांठ पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब सरकार ने अपने पूर्व आदेश 9 मई 2017 को यह कहकर कमेटी परीक्षण करने में असमर्थता जता रही है 3 जनवरी 2018 को निरस्त कर दिया।
उल्लेखनीय है कि परीक्षणीय कमेटी के सदस्य केन्द्रीय मृदा एवं जल संरक्षण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, देहरादून ने मात्र 48 घण्टे के भीतर परीक्षण करने में असमर्थता जता दी थी, लेकिन सरकार ने उक्त पत्र को लंबे समय तक दबाये रखा, जिससे प्रदेश को सैकड़ों करोड़ के राजस्व की हानि हुई तथा माफियाओं ने हजारों करोड़ का काला कारोबार इन आठ महीनों में किया गया। इस परीक्षण की आड़ में सी0एम0 त्रिवेन्द्र रावत ने सैकड़ों करोड़ की डील कर डाली थी तथा प्रदेश को खनन माफियाओं के हाथों गिरवी रख दिया था, जिसके चलते प्रदेश की जनता मंहगे दामों पर उपखनिज माफियाओं से खरीदने को मजबूर रही।
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नेगी ने कहा कि अभी हाल ही में जिस तरह केन्द्र सरकार के 5 जनवरी 2019 को निर्देश पर सी0बी0आई0 द्वारा यू0पी0 की पूर्व वर्ती सपा सरकार के समय में हुए खनन घोटाले की जाँच की जा रही है उसी प्रकार उत्तराखंड में हो रहे खनन घोटालों की जाँच की जाये।