विकासनगर, जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष एवं जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सरकार की उदासीनता एवं अनुभवहीनता के चलते प्रदेश में स्थापित सैकड़ों उद्योगपति अपना कारोबार समेट कर अन्य प्रदेशों को पलायन कर चुके हैं। एक हजार से अधिक उद्योग बन्दी की कगार पर पहुॅंच चुके हैं। मोर्चा द्वारा कुछ माह पूर्व सूबे के मुख्यमन्त्री पर सवाल दागा गया था कि इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च करके प्रदेश को क्यों गर्त में धकेलने का काम किया जा रहा है तथा जोर देकर कहा था कि इस समिट से पहले बन्द होते उद्योगों पर ध्यान दें, लेकिन सरकार ने सिर्फ और सिर्फ वाहवाही लूटने के चक्कर में करोड़ों रूपये गंवा दिये।
मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए श्री नेगी ने कहा कि अभी दिसम्बर 2018 में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैंकों व उद्योगपतियों की बैठक हुई, जिसमें इंडस्ट्रीज एसोशिएसन आॅफ उत्तराखण्ड द्वारा प्रदेश के लगभग 1400 उद्योग बन्दी के कगार पर होने का उल्लेख किया गया, जिससे मोर्चा की बात पर एसोशिएसन ने मुहर लगायी। नेगी ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश दोनों जगह भाजपा की सरकार होने का फायदा त्रिवेन्द्र सरकार नहीं उठा पायी, इसके विपरीत उद्योगपतियों ने प्रदेश के सिस्टम से तंग आकर अपना कारोबार समेटना शुरू कर दिया है। अगर यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं जब प्रदेश में कोई भी उद्योग नहीं बचेगा।
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मोर्चा ने सरकार से उद्योगों की स्थिति पर श्वेत-पत्र जारी करने की मांग की। पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह, मौ0 असद, प्रवीन शर्मा पीन्नी आदि उपस्थित रहे।