देहरादून 18 मार्च: हिन्दू धर्म का प्रमुख त्योहार होली पर इस साल 2024 में थोड़ा रंग फीका रहेगा। क्योंकि होली के दिन 25 मार्च को ही साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। पंचांग के अनुसार साल का पहला चंद्र ग्रहण सुबह 10.24 बजे से दोपहर 03.01 बजे तक यानी कुल 4 घंटे 36 मिनट तक रहेगा। ये चंद्र ग्रहण भारत में तो नहीं
दिखाई देगा मगर उत्तर-पूर्व एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान, रूस, आयरलैंड, इंग्लैंड, स्पेन, पुर्तगाल, इटली, प्रशांत, अटलांटिक और आर्कटिक महासागर आदि स्थानों पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
संज्ञान रहे कि हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होली मनाई जाती है। इस साल यह तिथि 25 मार्च 2024 को पड़ रही है। इसी दिन सुबह 10:23 से चंद्र ग्रहण भी शुरू होगा, जो कि 25 मार्च को दोपहर 3:02 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस साल होली का पूरा त्योहार ग्रहण के साए में ही गुजरेगा।
ग्रहण के दौरान बंद हो जाते हैं मंदिर के कपाट
चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और सूतक काल में सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इसके साथ ही पूजा-अर्चना पर रोक लगा दी जाती है। क्योंकि सूतक काल में पूजा-पाठ व धार्मिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। ग्रहण के खत्म होने के बाद पूजा शुरू की जाती है। मंदिरों के कपाट भी ग्रहण के खत्म होने के बाद खुलते हैं और उसी के बाद पूजा होती है।
लोग ऐसे मानते हैं होली
परंपराओं के अनुसार, होली के दिन लोग एक दूसरे को रंग, गुलाल, अबीर लगाते हैं और गले मिलते हैं। इसी के साथ गांवों में लोग ढोल, मजीरा की थाप पर मिल-जुल कर लोक-गीत फाग गाते हैं। कई जगह स्थानीय कलाकार कई तरह के नाटक भी पेश करते हैं। फगुहारों को मिठाई, गुझिया, ठंडाई वगैरह खिलाया जाता है।
क्या होली पर पड़ेगा चंद्र ग्रहण का प्रभाव ?
ऐसा माना जा रहा है कि साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई न देने की वजह से सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। सूतक काल नहीं होने के कारण होली के त्यौहार पर चंद्र ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। तो चंद्र ग्रहण लगने के बाद भी होली के दिन पूजा आदि की जा सकती है। बिना किसी परेशानी के होली का त्यौहार भी आसानी से मनाया जा सकता है।