-मक्कू व परकण्डी की 34 महिलाओं को दिया गया प्रशिक्षण 
 रुद्रप्रयाग, देश-विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए केदारनाथ की स्मृति के रूप में धाम की प्रतिकृति तैयार की जा रही हैं। एक ओर प्रतिकृति यात्रियों के लिए स्मृति चिन्ह है, वहीं दूसरी ओर प्रतिकृति को तैयार करने वाली स्थानीय ग्राम संगठनों की महिलाओं की आर्थिकी सशक्त होगी।
जिला प्रशासन के सौजन्य से शारदा ग्राम संगठन मक्कू व नवज्योति ग्राम संगठन परकण्डी की 34 महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षण दिया गया। ग्राम संगठन की महिलाओं को प्रतिकृति ने पंेटिंग व ऐंपण का पन्द्रह दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण उपरान्त महिलाओं ने प्रतिकृति में पेंटिंग व ऐंपण का कार्य निरन्तर कर प्रतिकृति को और अधिक आकर्षक बनाया जा रहा है। वर्तमान में हैलीपेड के आस-पास में यात्रियों के लिए धाम की प्रतिकृति रखी गयी है, जिसे वे अपने साथ ले जा सकते है। भविष्य में प्रतिकृति को आॅनलाइन अमेजन, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा आदि कम्पनियों में भी उपलब्ध कराये जाने की योजना है। श्री केदारनाथ मंदिर की यह प्रतिकृति, मन्दिर की संरचना एवं प्रसिद्ध कुमाउनी कला ऐपण का मिश्रण है। श्री केदारनाथ मन्दिर की इस प्रतिकृति के रंग मन्दिर के वास्तविक रंगों के समान हैं। इस प्रतिकृति को विभिन्न स्वयं सहायता समूह द्वारा रंगा गया है। ऐपण कुमाँऊ की एक प्रसिद्ध पारम्परिक कला है। इसका सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व है। उत्तराखण्ड में ऐपण को पूजा स्थलों, घरों व मुख्य प्रवेश द्वारों पर एवं आंगन में बनाया जाता है। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि यात्रियों के लिए सोवनियर धाम की स्मृति का प्रतीक है। साथ ही इससे स्थानीय महिलाओं की आर्थिकी का भी उन्नयन हो रहा है। महिलाएं पूरे मनोयोग से इस कार्य को कर रही हैं। धीरे-धीरे इस कार्य में अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी जोड़ा जाएगा। केदारनाथ की प्रतिकृति के साथ ही अराइवल प्लाजा, आस्था पथ व अन्य स्थलों की प्रतिकृति भी यात्रियों को उपलब्ध कराई जाएगी। प्रतिकृति की मांग की संबंध में अधिक जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि टाटा ट्रस्ट आदि कम्पनियों की मांग है कि अधिक से अधिक संख्या मंे प्रतिकृति उपलब्ध करायी जाय।