उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिला अध्यक्ष ने मुख्यमन्त्री /स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि देहरादून से मुख्य चिकित्सा अधिकारी को तत्काल बदला जाय और किसी जिम्मेदार डाक्टर को देहरादून का CMO नियुक्त किया जाय।
इस कोरोना महामारी में जहाँ जिला-अधिकारी से लेकर मंत्री व सचिव प्रत्येक फोन को गंभीरता से सुन रहे है और समाधान निकालने के प्रयासरत है तो दूसरी तरफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी का फोन नही उठ रहा है। कई बार ऐसा भी देखा जा रहा है कि जब निचले स्तर पर कोई अधिकारी/कर्मचारी किसी मुश्किल में फंसा हो,और सह़ी रिस्पांस नही दे पा रहा हो, तो ऐसे में उच्चाधिकारियों व मंत्रियो को दूरभाष पर सम्पर्क कर तुरंत सहमति/समाधान की अवश्यकता होती है ।
कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी कई दिनो तक किट नही मिल पा रही है ये इनकी इस महामारी की तैयारी बता रही है कि इन कुछ ऐसे अधिकारियों व कुछ कर्मचारियों की वजह से सरकार की भी किरकिरी हो रही है।

क्या है मामला :- मरीजों की चिंता छोड़ फ़ोटो छिपाने में लगा है महकमा – असल में विभाग के पास जो पुरानी पुरानी किट है उस पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की फोटो लगी हुई है सीएमओ साहब ने लगभग 2 दर्जन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उस फोटो के स्थान पर उपचार से संबंधित स्टीकर लगाने के काम पर लगा रखा है। जब मीडिया की टीम वहां पहुंची तो गार्ड ने यह कहकर अंदर आने से रोक दिया कि सीएमओ साहब किसी को भी अंदर आने से मना किया है। सीएमओ से इस बारे में फोन फोन कर संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

कुकरेती ने कहा कि क्योकि स्वास्थ्य विभाग खुद माननीय मुख्यमन्त्री के पास है तो वह बेहतर अधिकारी को नियुक्त करे जो वातानुकूलित कमरो से बाहर निकले और वह सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों का दौरा करवाएं ताकि आमजन को राहत मिल सके।

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