पासिंग आउट परेड के बाद खुशी मनाते नव सैन्य अधिकारी। 
आईएमए की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते सैन्य अधिक
देहरादून, भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की पासिंग आउट परेड (पीओपी) में अंतिम पग भरते ही 382 युवा जांबाज लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना का अंग बन गए। 77 विदेशी कैडेट्स भी पासआउट हुए। परेड की सलामी दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी) चेरिश मैथसन ने ली। उन्होंने युवा जांबाजों को अनुशासन की सीख दी और आह्वान किया कि वह अपना सर्वस्व न्यौछावर करने को हमेशा तत्पर रहें।
आईएमए की पासिंग आउट परेड में शामिल जैंटलमैन कैडेट।
सुबह करीब छह बजकर 40 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ पीओपी का आगाज हुआ। आत्मविश्वास से लबरेज 459 जेंटलमेन कैडेट्स ऐतिहासिक चैटवुड बिल्डिंग के समक्ष ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे, तो लगा कि जैसे विशाल सागर उमड़ आया हो। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हर एक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। कंपनी सार्जेंट मेजर प्रसून शर्मा, अमन कुंडू, अमरजीत सिंह, वत्सल पांडे, अतुल पाटिल, दीपक कुमार, पुनीत व अंकुश सिंह ने अपनी-अपनी जगह ली। वहीं, एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार मजबूत कदमों के साथ परेड के लिए पहुंचे। इसके बाद परेड कमांडर अली अहमद चैधरी ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे। जेंटलमेन कैडेट्स की जोश से भरी परेड से दर्शक दीर्घा में बैठे लोग भी वीरता का यह भाव देखकर गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। रिव्यूइंग ऑफिसर दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी) चेरिश मैथसन ने परेड के निरीक्षण के साथ ही सलामी ली। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर स्वॉर्ड ऑफ ऑनर के साथ ही, गोल्ड, सिलवर, ब्रॉंज मेडल, बेस्ट फॉरेन जेंटेलमेन कैडेट आदि सम्मान प्रदान किए। जब युवा जांबाज पीओपी में अंतिम पग भर रहे थे तो आसमान से हेलीकॉप्टर उन पर पुष्प वर्षा कर रहे थे। यह क्षण बता रहा था कि कड़े प्रशिक्षण में तपकर कुंदन बने युवा वीर अब सेना का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। इसके बाद सोमनाथ स्टेडियम में आयोजित पिपिंग सेरेमनी में युवा सैन्य अधिकारी बने वीरों को देश की एकता और अखंडता की शपथ दिलाई गई। अभिभावकों ने अपने लाडलों के कंधों पर सितारे सजाए तो उनके लिए यह लम्हे खासे भावुक करने वाले थे। इस पल के साक्षी भारतीय सैन्य अकादमी के समादेशक ले. जनरल एसके झा, उप समादेशक मेजर जनरल जीएस रावत समेत कई सेवारत व सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी भी बने।