उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के घमासान के बीच बड़ी खबर उन लोगों के लिए राहत लेकर आई है जिनके दो से अधिक बच्चे है तथा वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार थे।भाजपा सरकार को यहां भी मुंह की खानी पड़ी है।पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चों वालों को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव लड़ने के फैसले के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय में अपील की थी, जिस पर आज सुनवाई हुयी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड सरकार को यहां भी सफलता नहीं मिल पायी । नामांकन प्रक्रिया जारी होने के कारण माननीय न्यायालय ने सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता तुषार मेहता की लगातार अपील के बाद भी उनके इस मामले में उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने के आग्रह को निरस्त करते हुए सुनवाई जारी रखने का निर्देश दिया। जिससे चुनाव लड़ने का सपना संजोए काफी लोगों को राहत मिलेगी। याचिकाकर्ता जोत सिंह बिष्ट की तरफ से नौजवान एवं होनहार अधिवक्ता आयुष नेगी ने पक्ष रखते हुए कहा कि मा. उच्च न्यायालय के फैसले से चुनाव प्रक्रिया किसी भी रूप में बाधित नहीं हो रही है, इसलिए इस मामले में उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है,माननीय उच्चतम न्यायालय के इस फैसले से उत्तराखंड में पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक दो से अधिक बच्चों के माता-पिता को भी चुनाव में भागीदारी का मौका मिल गया है।
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