नैनीताल,22 जनवरी : उत्तराखंड कांग्रेस में आजकल कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है । उधर दिल्ली में टिकटों के बंटवारे को लेकर जंग चल रही है तो इधर राजपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार की मुश्किलें बढ़ रहीं हैं। हाईकोर्ट ने देहरादून निवासी बालेश बवानिया द्वारा उनके जाति प्रमाण पत्र को दी गई चुनौती-याचिका को स्वीकार करते हुए राजकुमार के साथ ही सरकार को नोटिस जारी कर 18 फरवरी तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
दायर याचिका में उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने 2011 में फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर अपना जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया था , जो किसी की शिकायत पर की जांच के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा 2012 में निरस्त कर दिया गया। उसके कुछ दिन बाद राजकुमार ने फिर से नया जाति प्रमाण पत्र हासिल कर लिया। देहरादून निवासी बालेश बवानिया का कहना है कि पूर्व विधायक ने पुन: कूट रचना कर उक्त प्रमाण पत्र हासिल किया है जिसकी जाँच की जानी बेहद आवश्यक है । उनकी इस मांग को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने एसडीएम को तुरंत जांच के आदेश दे दिये हैं।
असल में नियमानुसार जो व्यक्ति जिस राज्य में 1950 से पहले से रह रहा है उसका प्रमाण पत्र उसी राज्य से जारी किया जा सकता है। ऐसे में राजकुमार का प्रमाण पत्र भी उप्र से जारी होना चाहिये था ऐसे में अगर उसका प्रमाण पत्र 2013 में जारी हो रहा है तो जाँच की मांग तो स्वभाविक है ऐसा कहना है याचिकाकर्ता का। डीएम द्वारा एसडीएम को दी गई जाँच के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि इसकी विस्तृत जाँच के लिए कमेटी का गठन किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए पूर्व विधायक राजकुमार व सरकार से जवाब मांगते हुए 18 फरवरी की तारीख नियत करी है।