उत्तरकाशी/देहरादून, उत्तरकाशी में आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत सामग्री ले जा रहे हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। इससे पायलट समेत उसमें सवार तीन लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने मारे गए तीनो लोगों के परिजनों को 15-15 लाख देने की घोषणा। कहा, फिलहाल हेली आपरेशन रोक दिया गया है। शवों को जहां परिजन कहेंगे पहुंचा दिया जाएगा।
यह हैलीकाप्टर राहत सामग्री लेकर मोरी से मोल्डा जा रहा था। इसमें पायलट सहित तीन लोग सवार थे। हेलीकॉप्टर वहां सेब की पेटियों को सड़क तक पहुंचाने वाली ट्रॉली की तार में उलझ कर क्रैश हुआ हो गया। इस दौरान उसमें आग भी लग गई। इससे हेलीकॉप्टर में सवार पायलट कैप्टन लाल, सहायक पायलट कैप्टन शैलेश के साथ ही खरसाली निवासी राजपाल की मौके पर ही मौत हो गई। मोल्डी गांव में पिछले तीन दिनों से राहत सामग्री ड्रॉप नहीं हो पा रही थी। यहां स्थितियां अनुकूल न होने के कारण हेलीकॉप्टर की लैंडिंग संभव नहीं हो पाई थी। आज शासन ने निजी कंपनी के हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री ड्रॉप करने की योजना बनाई थी। इस दौरान कुछ सामग्री ड्रॉप कर दी गई थी। उसके बाद यह हादसा हो गया। उत्तरकाशी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुचांकर वापस आ रहे हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से पायलेट, को-पायलेट व एक स्थानीय व्यक्ति के निधन पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गहरा दुःख व्यक्त किया है। आराकोट के समीप वायर से बचने के प्रयास में हेलीकॉप्टर पहाड़ से टकरा गया, इस दुर्घटना में कैप्टन लाल, कैप्टन शैलेश एवं ग्राम खरसाली के राजपाल राणा की मृत्यु हो गई। मुख्यमंत्री ने सभी मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख रूपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य आपदा परिचालन केन्द्र में जाकर घटना की जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि उत्तरकाशी के आराकोट क्षेत्र में रविवार की सुबह आई आपदा से करीब 35 गांव प्रभावित हैं। इसमें 15 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। वहीं, बीस लोग लापता बताए जा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्र में कई लोग बेघर हो गए हैं और राहत शिविरों में उन्हें रखा गया है। वहीं, प्रभावित क्षेत्र में 300 से ज्घ्यादा कार्मिकों की रेस्क्यू टीमें यहां सोमवार से राहत कार्यों में जुटी हैं। हेली रेस्क्यू भी चल रहा है।