देहरादून, 30 जुलाई : उत्तराखंड राज्य आंदोलन के प्रथम पंक्ति के नेता, कुशल रणनीतिकार स्वo वेद उनियाल को उनकी 5 वीं पुण्यतिथि पर “वेद उनियाल विचार मंच” द्वारा याद किया गया। विचार मंच की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि सभा में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाव-भीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उनके छोटे भाई ओमी उनियाल ने उन्हें याद करते हुए कहा कि उनकी असमय मृत्यु से समाज को बहुत क्षति पहुंची है। उनके सतत संघर्ष को कभी भुलाया नहीं जा सकता हैं। दबे कुचले वर्ग के लिए उन्होंने हमेशा संघर्ष किया। स्व0 वेद ने अपने पूरे जीवन को जन सेवा में लगा दिया था।

लताफत हुसैन ने कहा कि साधारण परिवार में जन्मे वेद उनियाल ने अपने राजनीति जीवन की शुरुवात डीएवी (पीजी) कॉलेज देहरादून में महासचिव के पद से शुरू करते हुए जिस मुकाम तक पहुंचे , कम लोग ही वहां तक पहुँच पते हैं। मंच के संयोजक सुनील ध्यानी ने कहा कि वामपंथी विचार धारा से राजनीति कि शुरुआत करने के बाद पहाड़ के गाँधी स्व0 इंद्रमणि बडोनी के कहने पर उनकी क्षेत्रीय विचार धारा से प्रभावित होकर उत्तराखंड क्रांति दल में शामिल हुए। उसके बाद इस राज्य निर्माण में उनकी जो भूमिका रही है वह आज इतिहास में दर्ज हो चुकी है।

उत्तराखंड सयुंक्त समिति में भी उनकी अहम योगदान रहा । दल की रीति-नीतियों के निर्माण की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया।वह एक कुशल राजनीतिज्ञ सोच से परिपूर्ण , प्रखर वक्ता के साथ साथ रणनीतिकार भी थे। छात्रों युवाओं के बीच उनके मिलनसार स्वभाव के कारण उनका बड़ा सम्मान रहा। जगदीश चौहान ने कहा कि राज्य के अनसुलझे सवालों को लेकर सरकार को घेरने के लिए वह एक बेहतरीन योजनाकार रहे।

श्रद्धांजलि सभा का संचालन सेवा सेवानिवृत्त आंदोलनकारी परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष पूरन सिंह लिंगवाल द्वारा किया गया ।इस अवसर पर श्रद्धांजलि देने वालों में प्रमुख रूप से अखिल गढ़वाल सभा की उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट, वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र कौशिक, अम्बुज शर्मा ,एडवोकेट दीपक गैरोला, सूफ़ी खालिक, बिजेंद्र रावत, विनोद असवाल, प्रभात डंडरियाल, विजय बौडाई, सुरेन्द्र सजवाण आदि थे।

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