सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर सुनवाई खत्म हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई बुधवार को पूरी कर ली। इस मामले में फैसला बाद में सुनाया जाएगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस मामले में 40 दिन तक सुनवाई करने के बाद दलीलें पूरी कर लीं। पीठ ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में संबंधित पक्षों को ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिये तीन दिन का समय दिया। इस पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।
आज सुबह सुनवाई शुरू होने पर पीठ ने कह दिया था कि वह पिछले 39 दिनों से अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुनवाई कर रही है और मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए किसी भी पक्षकार को आज (बुधवार) के बाद अब और समय नहीं दिया जाएगा।
न्यायालय ने पहले कहा था कि सुनवाई 17 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी। बाद में इस समय सीमा को एक दिन पहले कर दिया गया। प्रधान न्यायाधीश का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है। उल्लेखनीय है कि संविधान पीठ ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश देने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई की है।
राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट में फाड़ा राम जन्म स्थल का ‘नक्शा’
सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने एक नक्शा फाड़ा है जिसके बारे में दावा किया गया था कि नक्शे में भगवान राम के जन्म स्थान की पूरी जानकारी है। नक्शे को वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने पेश किया था और राजीव धवन ने उस नक्शे को पेश किए जाने का विरोध किया।राजीव धवन सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं, सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दी गई वरिष्ठ वकीलों की लिस्ट में राजीव धवन का 130वां स्थान है और वे मई 1994 से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। राजीव धवन की वेबसाइट के मुताबिक उन्होंने इलाहाबाद हाई स्कूल से और शेरवुड स्कूल नैनीताल से अपनी स्कूली शिक्षा ग्रहण की है जबकि इसके आगे की पढ़ाई उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कैंब्रिज विश्वविद्यालय और लंदन विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। राजीव धवन के पिता का नाम शांति स्वरूप धवन है जो न्यायधीश, यूके में भारत के राजदूत, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और लॉ कमिशन के सदस्य रह चुके हैं। राजीव धवन ने 1992 में वकालत करना शुरू किया था, उन्होंने कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के साथ वकालत का काम सीखा था। 1992 में मंडल मामले और 1994 में अयोध्या मामले में राजीव धवन की जिरह से प्रभावित होकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट का वरिष्ठ वकील नियुक्त किया गया था।
राम मंदिर बनना तय है’- शिया वक़्फ़ बोर्ड
अयोध्या मामले पर शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि राम मंदिर बनना तय है। हिंदू-मुस्लिम फसाद कराने वालों को बड़ा झटका मिल चुका है। बहरहाल, सुनवाई पूरी हो चुकी है, 23 दिन के भीतर ही फेसला आ जाएगा । पूरी दुनिया इस फैसले का इंतजार कर रही है.