देहरादून, अपने सपने संस्था के अध्यक्ष अरुण कुमार यादव ने कहा कि आये दिन देखने या सुनने में मिलता है प्राइवेट अस्पताल ईलाज के दौरान किसी के मृत्यु होने पर उसके ईलाज के बिल का भुगतान न होने पर उसके शरीर (बॉडी) को देने से इनकार कर देते हैं और अस्पताल प्रशासन कहता है जब आप ईलाज के बिल का भुगतान करेंगे तभी मृतक का शरीर (बॉडी ) मिलेगी। आप सभी को जानकारी हो कि गरीब हो या अमीर परिवार के व्यक्ति उस समय अपने सम्बंधित मरीज के मृत्यु होने पर शोकाकुल की स्थिति में रहता है वह परिवार इस स्थिति में धनराशि न होने पर मृतक की बॉडी लेने के लिए मृतक के बिल भुगतान हेतु कहाँ कहाँ भटकता रहेगा।
संस्था कार्यालय सुभाषनगर में आयोजित प्रेसवार्ता में संस्था अध्यक्ष अरूण यादव ने कहा कि इस स्थिति में गरीबी और मानवता देखते हुए प्राइवेट अस्पताल ईलाज के दौरान मरीज की मृत्यु होने पर उसके ईलाज के बिल का भुगतान पूर्णतः माफ करें। उन्होंने ने कहा कि सरकार भी एक नियम बना कर इस विषय पर कठोर कदम उठाए। विदित हो कि ऐसा होने पर जनता को भी लाभ मिलेगा और खुद प्राईवेट अस्पताल की भी स्थिति अच्छी हो जाएगी। जनता को मानवाधिकार का हक मिलेगा वही अस्पतालों में मरीजो के मृत्यु दर में कमी आएगी। अरुण कुमार ने कहा जब प्राईवेट अस्पतालों में मृत्यु दर बढ़ेगा साथ ही आर्थिक स्थिति भी कमजोर होगी तो ऐसे में सभी अस्पताल के प्रबंधन इस पर गम्भीरता लाएगी और लापरवाह डॉक्टर एवं नर्स भी गम्भीरता पूर्वक मरीजो का ईलाज करेंगे। यही नहीं साथ ही बेवजह मृतक शरीर को मेन्टीलेटर पर रखकर ईलाज बिल भी नहीं बढाएंगे। उन्होंने अपील करते हुए यादव ने कहा कि अपने सपने संस्था सभी समाजिक संगठनों को इस विषय पर एकजुट होकर इस विषय पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रेसवार्ता के दौरान संस्था सचिव हिमांशु शर्मा ने कहा कि अपने सपने संस्था विगत पाँच वर्षों से जरूरतमंद बच्चों के शिक्षा उनके स्वास्थ्य एवं भोजन प्रबन्ध पर कार्य करती आ रही है। अपने सपने संस्था में वर्तमान समय मे दो सौ जरूरतमंद बच्चे अपने सपने को पूर्ण कर रहे हैं। साथ ही संस्था इन सभी बच्चों को नृत्य, संगीत, खेल, आर्ट आदि क्षेत्रों में अपने प्रतिभा को निखारने का मौका भी प्रदान करती आ रही है। प्रेसवार्ता में निधि कोटियाल, श्रेया शर्मा, सूरज खोलिया, हिमांशु, मीना आदि उपस्थित रहे।