डेंगू मामले में मुख्यमंत्री का गैरजिम्मेदाराना बयान : मोर्चा
विकासनगर, जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत ने उच्च न्यायालय द्वारा डेंगू के मामले में संज्ञान लेने के पश्चात् दिये गये बयान कि ‘‘प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डेंगू से नहीं हुई मौत’’ की मोर्चा घोर निन्दा करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि हिलटाॅप व भांग की खेती ने त्रिवेन्द्र का मानसिक संतुलन बिगाड़ दिया है।
क्या कहा था राज्यपाल ने –राज्य में डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर राजभवन ने गहरी चिंता जताई है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सचिव स्वास्थ्य नितेश झा और महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ आरके पांडेय को राजभवन तलब कर प्रदेश में डेंगू की स्थिति और अब तक की कार्रवाई की जानकारी ली। राज्यपाल ने निर्देश दिए कि डेंगू पीड़ितों का पूरा ध्यान रखा जाए और उनके उपचार में कोई कोताही न बरती जाए
यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में नेगी ने कहा कि एक अनुभवहीन, गैरजिम्मेदार अदूरदर्शी मुख्यमंत्री की तजुर्बेकारी का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि जिस प्रदेश के अधिकांश सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सक व सुविधाएं नहीं हो तथा सरकारी चिकित्सालय मात्र रैफर सेंटर बनकर रह गये हों, उनकी बात करना समझ से परे हैं। मोर्चा ने हैरानी जतायी कि जिस प्रदेश सरकार को डेंगू मामले में राजभवन तलब कर चुका हो तथा न्यायालय नोटिस जारी कर चुका हो, उस प्रदेश में मुख्यमंत्री की ओछी बयान बाजी शर्मशार करने वाली है। नेगी ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि जिस प्रदेश में हजारों मरीज डेंगू से जूझ रहे हों तथा दर्जनों लोग असमय मौत की आगोश में समा चुके हों, उस प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा सरकारी अस्पताल का फर्जी आंकड़ा जनता को बताया जाना बहुत ही गैर जिम्मेदाराना है। मोर्चा ने मुख्यमंत्री को प्राईवेट अस्पतालों एवं जनता के बीच जाकर डेंगू का अपडेट लेने की सलाह दी, मुख्यमंत्री आवास में बैठकर आंकड़े नहीं पता चलते।