देहरादून। कांग्रेस के महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को कहा कि पार्टी जब तक चाहेगी, वह पंजाब प्रभारी की ज़िम्मेदारी सँभालने को तैयार हैं। यह बात उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कही। राहुल गांधी से मुलाकात के पहले तक ये संभावनाएं ज़ाहिर की जा रही थीं कि हरीश रावत कांग्रेस के पंजाब प्रभारी की ज़िम्मेदारी छोड़ने के बारे में बातचीत करेंगे क्योंकि वह उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव के लिए समय देना चाहते हैं। हालांकि इस बारे में उनका कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन रावत ने कहा, ‘कांग्रेस में पार्टी आलाकमान जो तय करता है, वही अंतिम निर्णय होता है। मुझसे जब तक कहा जाएगा, मैं ज़िम्मेदारी निभाउंगा.’ राहुल गांधी से मीटिंग के बाद रावत ने प्रेस से बात करते हुए बताया कि पंजाब कांग्रेस के हालात को लेकर उन्होंने राहुल गांधी को जानकारियां दीं। ये वही जानकारियां थीं जो रावत ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मुलाकात के दौरान दी थीं। रावत ने कहा कि राहुल गांधी के साथ उनकी मुलाकात काफी संक्षिप्त रही. वास्तव में, रावत पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच चल रहे मनमुटाव व विवादों को निपटाने के लिए काम कर रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने शनिवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर उन्हें पंजाब में पार्टी से जुड़ी स्थिति के बारे में अवगत कराया और कहा कि बतौर प्रभारी वह अगले 2-3 दिनों में पंजाब का दौरा भी करेंगे। राहुल गांधी से उनकी मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के ‘मुंहतोड़ जवाब देने’ वाले बयान और उनके पूर्व सलाहकार मलविंदर माली और सलाहकार प्यारेलाल गर्ग की टिप्पणियों को लेकर विवाद खड़ा हुआ है।
‘अगले 2-3 दिनों में पंजाब जाऊंगा’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से मुलाकात के बाद पार्टी के पंजाब प्रभारी रावत ने कहा, ‘मैंने राहुल जी से संक्षिप्त मुलाकात की। मैंने पंजाब की स्थिति के बारे में बताया है। मैं अगले 2-3 दिनों में जाऊंगा। जो भी मिलना चाहे, उससे मिलूंगा। सिद्धू और कैप्टन साहब से जरूर मुलाकात करूंगा। PCC अध्यक्ष बहुत सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह बहुत अच्छे-अच्छे फैसले कर रहे हैं, जिन्हें जनता के बीच लेकर जाना है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह पंजाब प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं तो उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस जब तक कहेगी काम करते रहो, तब तक मैं काम करते रहूंगा।’
मनीष तिवारी ने कसा था तंज
इससे पहले सिद्धू ने गुरुवार को पार्टी नेतृत्व से कहा था कि उन्हें फैसले लेने की आजादी दी जाए, नहीं तो वह मुंहतोड़ जवाब देंगे। सिद्धू के बयान के बारे में पूछे जाने पर हरीश रावत ने शुक्रवार को कहा था कि अगर राज्य इकाई के प्रमुख फैसले नहीं करेंगे तो कौन करेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने सिद्धू के इस बयान को लेकर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती।’
माली ने छोड़ दिया अपना पद
उधर, जम्मू-कश्मीर पर अपनी विवादित टिप्पणियों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे मलविंदर सिंह माली ने शुक्रवार को पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार का पद छोड़ दिया। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि यदि कश्मीर भारत का हिस्सा था तो अनुच्छेद 370 और 35A की क्या जरूरत थी। उन्होंने यह भी कहा था, ‘कश्मीर कश्मीरी लोगों का देश है।’ सिद्धू के एक अन्य सलाहकार प्यारे लाल गर्ग ने मुख्यमंत्री द्वारा पाकिस्तान की आलोचना किए जाने पर कथित तौर पर सवाल उठाया था।
इससे पहले शनिवार को राहुल गांधी के साथ हरीश रावत की मुलाकात को लेकर काफी उत्सुकता का माहौल रहा। मुलाकात से पहले जब रावत से पूछा गया था कि पंजाब इनचार्ज के तौर पर क्या वह अपनी पारी जारी रखेंगे, तो उन्होंने कहा था कि वह इस बारे में पार्टी से ज़रूर बात करेंगे कि उन्हें इससे समय दिया जाए। इससे पहले भी रावत ने अपने स्वास्थ्य और उत्तराखंड चुनाव पर फोकस करने के लिहाज़ से पंजाब प्रभार से छुटकारा चाहने की बात कही थी।