देहरादून, ‘बहुत खूबसूरत हैं, आपकी आंखें, इनका ध्यान रखें’ समाज सेवी माता मंगला एवं भोले जी महाराज के इस संदेश के साथ 11 मार्च से 16 मार्च तक हंस फाउंडेशन जनरल अस्पताल सतपुली में 6 दिवसीय नेत्र चिकित्सा महोत्सव का शुरू हो रहा है। इसका उद्देश्य पहाड़ के दूरस्त क्षेत्रों में फैल रही आंखों की बीमारियों से लोगों को निजात दिलाना…उत्तराखण्ड में हर जरूरतमंद और गंभीर से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए वरदान साबित हो रहे द हंस जरनल अस्पताल सतपुली  में आंखों की बीमारी से निजात दिलाने के लिए इस नेत्र चिकित्सा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

द हंस जरनल अस्पताल सतपुली के डाक्टर एच. एस. मिनास ने इस बारे में बताया कि माताश्री मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज जी के आशीष से द हंस फाउंडेशन जरनल अस्पताल सतपुली में आंखों के मरीजों के लिए इस विशेष कैंप का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आंखों के मरीजों को हर संभव इलाज दिया जाएगा। डाक्टर एच.एस.मिनास ने बताया कि वर्तमान में  देश में 3.7 करोड़ लोग दृष्टिहीन हैं एवं 12.4 करोड़ लोग गंभीर रूप से दृष्टि-विकार से पीड़ित हैं। दृष्टिहीनता उत्पन्न करने वाली स्थितियों के बचाव या त्वरित उपचार से 80 प्रतिशत मामलों में अन्धवत्व‍ से बचा जा सकता है। विश्व के नब्बे प्रतिशत दृष्टिहीन लोग विकासशील देशों में रहते हैं। विश्वभर के दृष्टिहीनों में दो-तिहाई से अधिक महिलाएं हैं। यह बहुत ही गंभीर हैं,क्योंकि आज उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अधिकांश महिलाएं निवासित है। कई बार देखा जाता हैं कि खेतों में काम करते हुए घास काटते हुए इन महिलाओं की आंखों में चोट लग जाती है। ऐसे में इन महिलाओं की आंखों को प्राथमिक उपचार की आवश्यकता होती है। जो इन्हें नहीं मिल पाता है।

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माताश्री माता मंगला एवं भोलेजी महाराज के आशीष से हम इस नेत्र महोत्सव में हम आंखों से संबंधित हर संभव इलाज मरीजों को देने जा रहे है। जिसके लिए हम तमाम माध्यमों से लोगों से अपील कर रहे हैं कि कृपया इस नेत्र महोत्सव में ज्यादा से ज्याद की संख्या में पुहंचे और अपनी आंखों को खूबसूरत बनाएं। डाक्टर रावत ने बताया आज लोगों में ग्लूकोमा यानी काला मोतिया एक गंभीर नेत्र रोग तेजी से फैल रहा है। यह एक खामोश रोग है, जो बिना किसी आहट के चुपचाप आपकी आंखों की रोशनी छीन लेता है। इसके प्रति जागरूकता ही इसे बढ़ने से रोक सकती है। ग्लूकोमा आंखों के तंत्र को लगातार नुकसान पहुंचाते हुए धीरे-धीरे देखने की क्षमता को समाप्त कर देता है। डायबिटीज, आनुवंशिकता, हाई बीपी और हृदय रोग ग्लूकोमा के कारणों में शामिल हैं। आंखों से दिखने वाले चित्रों को मस्तिष्क तक पहुंचाने वाली नस को काला मोतिया की वजह से नुकसान पहुंचता है।  इसी तरह पार्किन्संस रोग, ग्लॉकोम (आंख की रोशनी कम होने की बीमारी), कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) आदि आंखों की कुछ ऐसी परेशानियां हैं, जिन्हें हल्के में नहीं लेना चाहिए। इन सभी बीमारियों के लिए हंस फाउंडेशन जनरल अस्तपताल सतपुली में 11 मार्च से 16 मार्च तक निःशुल्क नेत्र चिकित्सा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कम्प्यूटर के माध्यम से आंखों के हर रोग की जांच निःशुल्क की जाएंगी और दवाइयां प्रदान की जाएंगी। साथ जिन भी आंखों के मरीजों की आंखों में ज्यादा दिक्कत होगी। उन मरीजों को आपरेशन के लिए सहयोग किया जाएगा। इसलिए लिए हम आप सभी से निवेदन करना चाहेगें कि आप अपनी आंखों से संबंधित जुड़ी किसी भी तरह की बीमारी के लिए इस निःशुल्क नेत्र चिकित्सा महोत्सव में अवश्य आएं।