देहरादून, उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने सोमवार को दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। इसके बाद राज्यपाल ने गुरुद्वारा बंगला साहिब में मत्था टेका और सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की। वहीं, सोमवार को दिल्ली में कॉन्सट्यूशनल क्लब में राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में रिवर्स माईग्रेशन के लिए कार्य किया जाना चाहिए। वहीं, सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि सैनिक एवं सेना के लिए जय हिंद और तिरंगा सर्वाेपरि है। उन्होंने कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया। कहा कि जय हिन्द देश को एक सूत्र में जोड़ता है।
राज्यपाल ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि राष्ट्र सेवा को समर्पित राष्ट्रीय सैनिक संस्था से आज देशभर में लगभग एक लाख पूर्व सैनिक एवं नागरिक जुड़ चुके हैं। यह समर्पित सदस्य शहीदों के परिवारों की मदद और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए निरन्तर प्रयासरत है। शहीदों का सम्मान, वीरांगनाओं एवं शहीदों के माता पिता की मदद सबका साझा दायित्व है। राज्यपाल ने कहा कि पूर्व सैनिक अपने अनुभवों एवं ज्ञान का उपयोग राष्ट्रनिर्माण और समाज की भलाई में लगाएं। कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन, ईमानदारी जैसे गुण हमेशा सैनिकों के साथ रहते हैं। आप सभी नेचुरल लीडर्स है। लोगों को राष्ट्र निर्माण और जनहित के कार्यों से जोड़े।
राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को स्कूलों, कॉलेजों में ही राष्ट्रनिर्माण व समाज सेवा के कार्यों के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। सभी नागरिकों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 में वर्णित मूल कर्तव्यों को अवश्य पढ़ना चाहिए और उनका निष्ठापूर्वक पालन करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि तपोभूमि, सैन्य धाम उत्तराखंड का राज्यपाल बनना उनके लिए गर्व का विषय है। उत्तराखंड देश की रक्षा सेवा में 18 प्रतिशत से अधिक योगदान दे रहा है। प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति सेना में है। यहां गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ जैसे पवित्र धाम, सिक्ख गुरूओं के पवित्र स्थल हैं। यह गुरू गोविन्द सिंह जी की तपभूमि भी है, जो एक सैनिक, सन्त एवं विद्वान थे। कार्यक्रम में मेजर जनरल(रि0) पीके सहगल, मेजर जनरल(रि0) डॉ0 विपिन बक्शी, विंग कमांडर(रि0) प्रफुल्ल बक्शी, कर्नल टीपी त्यागी, मेजर सुशील गोयल, एचएच आचार्य, डॉ लोकेश मुनि, राजेन्द्र बगासी व अन्य उपस्थित रहे।