4 मई 2025, विकासनगर, जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं उत्तराखंड राज्य भंडारागार निगम के संरक्षक रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि भंडारागार निगम के कार्मिकों को सातवें वेतनमान का लाभ प्रदान किए जाने के मामले में लगभग चार साल से पत्रावली शासन में धूल फांक रही है, लेकिन बेशर्म सरकार उपलब्धियां मना रही है द्य मंत्री/ मुख्यमंत्री इस मामले में सब नाकाम हो चुके हैं द्य उक्त मामले में पत्रावली कई बार सहकारिता विभाग से उद्यम विभाग को प्रत्यावित की गई, जिसमें उद्यम विभाग ने लगभग छह- सात बार आपत्तियों पर आपत्तियां लगाकर पत्रावली को ठंडा बस्ती में डाल दिया था, लेकिन फिर कुछ पूजा- अर्चना करने के उपरांत आपत्तियां निस्तारित हुई द्य बावजूद इसके आज तक पत्रावली सहकारिता विभाग में धूल फांक रही हैद्य यह आलम तब है जब निगम फायदे (लाभ) में चल रहा हैद्य उद्यम विभाग पूछता है कि निगम घाटे में है या लाभ में ! अगर यही सवाल विधायकों के वेतन- भत्ते, सुख सुविधायें बढ़ाने में किया जाए तो सरकार तब यह सब नहीं देखती द्य सवाल यह उठता है कि जब हर काम के लिए मा. न्यायालय की ही शरण लेनी है तो फिर इस इतने बड़े लश्कर, मंत्री-मुख्यमंत्री, सचिवालय, जिस पर प्रतिवर्ष करोड़ों- अरबों रुपए खर्च हो रहा है, की जरूरत ही क्या है! सरकार व उसके मंत्री बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन धरातल पर स्थिति बहुत ही विष्फोटक है द्य आज प्रदेश में हर काम की कीमत तय कर दी गई है, जिसके चलते माफियाओं- अधिकारियों के गठजोड़ की ऐश हो रही है द्य सरकार कह रही है कि हमने आठवें वेतनमान हेतु कमर कस ली है ,लेकिन यहां तो अभी सातवां वेतनमान ही नहीं दिया गया द्य ऐसे में सिर्फ एक ही रास्ता बचता है कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन ही लगा दिया जाए। पत्रकार वार्ता में- प्रवीण शर्मा पिन्नी व अतुल हांडा मौजूद थे।