राजकीय महाविद्यालय वेदीखाल में महात्मा गांधी द्वारा डांडी मार्च की वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है । कार्यक्रम की श्रृंखला में सोमवार दिनांक 22 मार्च 2021 को स्वच्छता कार्यक्रम रखा गया जिसके तहत छात्र छात्राओं ने अपने परिवेश को स्वच्छ रखने का संकल्प लेते हुए महाविद्यालय प्रांगण में स्वच्छता अभियान चलाया।

इससे पूर्व दिनांक 19 मार्च  को महाविद्यालय में सत्य एवं अहिंसा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विषय के पक्ष में प्रतिभागियों ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हिंसा का विचार देश और समाज को पतन की ओर ले जाता है जबकि अहिंसा एवं शांति का मार्ग ही देश एवं विश्व को विकास की ओर ले जा सकता है। यह अहिंसा का ही मार्ग है जिससे वर्तमान में देश दुनिया के लोग पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित एवं परिपूर्ण जीवन का आनंद ले पा रहे हैं।

जबकि विषय के विपक्ष में अपनी बात रखते हुए प्रतिभागियों ने इस बात पर जोर दिया की अहिंसा का विचार एक महान विचार है किंतु कई बार अहिंसा को दुर्बलता समझ लिया जाता है। अहिंसा का विचार संतों का विचार हो सकता है किन्तु वास्तविक धरातल पर कई बार परिस्थितियां बहुत ही जटिल होती है। सत्य की प्रतिष्ठा के लिए कभी-कभी हिंसा का प्रयोग आवश्यक हो जाता है। वर्तमान समय में हम देखते हैं कि कई अतिवादी समूह बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों का जीवन छीन लेते हैं ऐसे निर्दयी समूहों का प्रत्युत्तर अहिंसा का पाठ पढ़ा कर नहीं दिया जा सकता। दोनों पक्षों ने अपने पक्ष में मजबूत तर्क दिए जिसे सुनकर श्रोता छात्रों ने दोनों पक्षों के लिए जोरदार तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया। प्रतियोगिता में सैमसन को प्रथम, विवेक ममगाई को द्वितीय तथा सरोजिनी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।

इसी कड़ी में दिनांक 20 मार्च को देश भक्ति कविता पाठ तथा गीत गायन प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ था जिसमें समूह गान व एकल गीत कविता पाठ के छात्रों द्वारा बहुत सुंदर प्रस्तुति दी गई। आरती ने अपनी स्वरचित कविता ‘बापू जैसी बनूंगी मैं’ का पाठ किया। समूह गान में कांति की टीम प्रथम, निर्मला की टीम द्वितीय तथा शिवानी की टीम तृतीय स्थान पर रही। एकल गीत-कविता गायन में विवेक व सरोजिनी को पहले, आरती को दूसरे तथा उमेश व सुभाष राणा को तीसरे स्थान के लिए चुना गया।

प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ राम किशनपाल, डॉ नीलम, डॉ0 क्षेत्रपाल पुंडीर व अतुल सिंह थे।

 

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