देहरादून,7 जुलाई: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र पोषित योजनाओं के उपयोग प्रमाण पत्र एवं अन्य आवश्यकताओं को पूर्ण करते हुए धनराशि अवमुक्त करने संबंधी प्रस्ताव केंद्र को भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत केंद्रांश वाली जो योजनाएं वर्ष 2020 से पूर्व से लंबित हैं उनका भी पूर्ण ब्यौरा दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस की श्रेणी में लाने के लिए तेजी से कार्यवाही के भी निर्देश दिए हैं। गुरूवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखंड को 2025 तक सशक्त राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के संबंध में ग्राम्य विकास व पंचायती राज विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विभागों द्वारा तैयार की गई अल्प, मध्य व दीर्घकालिक योजनाओं के रोडमैप की समीक्षा की।
ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उत्पादों के विपणन के लिए बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए साथ ही इनकी आनलाइन मार्केटिंग पर भी जोर दिया। कहा कि जिन उत्पादों की अधिक मांग है, उनकी आपूर्ति के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बैठकों में जो निर्णय लिए जा रहे हैं आगामी बैठक में उन निर्णयों के क्रियान्वयन के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी जाए। गांवों में किए जा रहे विकास कार्यों में स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता मिले। उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं में केंद्र सरकार के स्तर से अंश के भुगतान में किसी कारण विलंब हो रहा हो तो उसके स्थिति में रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था की जाए। पंचायती राज विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस करने की कार्यवाही में और तेजी लाए जाए। गांवों में सोलर लाइट को बढ़ावा दिया जाए।
कंप्यूटर विहीन ग्राम पंचायतों में कंप्यूटरीकरण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जाएं। बैठक में बताया गया कि मनरेगा के तहत वर्ष 2023-24 में 150 लाख मानव दिवस के सृजन का लक्ष्य रखा गया है। 2025 तक सवा लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक प्रदेश में 40 हजार लखपति दीदी बन चुकी हैं। बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, नितेश झा, डा आर राजेश कुमार व अपर सचिव आनंद स्वरूप आदि अधिकारी उपस्थित थे।