अल्मोड़ा, भारत की लोक जिम्मेदार पार्टी ने जनभावनाओं के अनुरूप उत्तराखंड की स्थायी राजधानी जल्द गैरसैंण घोषित किए जाने समेत अन्य ज्वलंत समस्याओं का समाधान किए जाने की मांग उठाई है। पार्टी जल्द ही जनहितों के मुद्दों को लेकर राज्य में संघर्ष अभियान शुरू करेगी। पार्टी के महासचिव डीएस रावल ने कहा है कि पृथक उत्तराखंड राज्य गठन को 18 साल पूर्ण हो चुके हैं, इस दौरान राज्य में बारी-बारी से कांग्रेस व भाजपा की सरकारें सत्ता में काबिज हुई, लेकिन किसी ने भी जनभावनाओं की सुध नहीं ली। उनका कहना था कि पर्वतीय राज्य की राजधानी पर्वतीय स्थल पर ही होने से राज्य का समग्र विकास संभव है। उन्होंने राज्य में चकबंदी व्यवस्था को जल्द लागू किए जाने पर भी जोर दिया है। जो पर्वतीय काश्तकारों के लिए लाभकारी होगी। उन्होंने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों से दिनों दिन बढ़ रहे पलायन पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है
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। उन्होंने कहा है कि राज्य निर्माण के इन 18 सालों में राज्य के विभिन्न जिलों से 15 लाख लोग शिक्षा, रोजगार तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते पलायन कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर राज्य में अब तक स्पष्ट रोजगार नीति नहीं बनने से शिक्षित-प्रशिक्षित बेरोजगार परेशान हैं, वह रोजगार की आस में अन्य राज्यों की ओर पलायन को बाध्य हो रहे है। उन्होंने कहा है कि पार्टी इन सब ज्वलंत मुद्दों को लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में लोगों से जनसंपर्क करेगी। इसके बाद फिर कार्ययोजना तैयार करेगी।