दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर डिएगो मैराडोना का निधन हो गया है। माराडोना के वकील ने भी इस बात की पुष्टि की है। माराडोना लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो सप्ताह पहले ही उन्हें ब्रेन में क्लॉट की वजह से सर्जरी करवानी पड़ी थी। माराडोना के निधन पर प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया है। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने ट्वीट किया कि मेरे हीरो नहीं रहे। मैंने आपके लिए फुटबॉल देखा। डिएगो माराडोना को सवर्कालिक महान फुटबॉलर कहा जाता है। अर्जेंटीना को 1986 फुटबॉल वर्ल्ड कप जितवाने में उन्होंने अहम भूमिका निभायी थी।
माराडोना ने साल 1976 में फुटबॉल की दुनिया में कदम रखा। अर्जेंटीना को 1986 में विश्व विजेता बनाने वाले डिएगो मैराडोना अर्जेंटीना ने बीते 30 अक्टूबर को ही अपना 60वां जन्मदिन मनाया था. मैराडोना ने चार फीफा वर्ल्ड कप खेले. अपने फुटबॉल करियर के दौरान मारोडोना को कोकीन की लत के साथ खासा संघर्ष करना पड़ा. 1991 में उन्हें ड्रग्स सेवन का दोषी पाए जाने के बाद माराडोना पर 15 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था. मारोडना ने साल 1997 में 37 साल की उम्र में पेशेवर फुटबॉल को  अलविदा कह दिया था. विश्व विजेता बनाने वाले मैराडोना ने खेल के इतिहास के दो यादगार गोल भी किये। इस बेहतरीन खिलाड़ी के कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके देश अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में 9 फीट ऊंची उनकी प्रतिमा लगी है। साल 2018 में डिएगो माराडोना के 58वें जन्मदिन का जश्न मनाते हुए उनकी पहली कांसे की प्रतिमा का अनावरण किया गया था। इस प्रतिमा में इंग्लैंड के खिलाफ उनके गोल को दर्शाया गया है, जो 20वीं शताब्दी का सर्वश्रेष्ठ गोल चुना गया था। यह प्रतिमा ब्यूनस आयर्स में अर्जेंटिनोस जूनियर्स क्लब स्टेडियम के समीप है। माराडोना ने 1976 में यहीं से पदार्पण किया था। अर्जेंटीना फुटबॉल एसोसिएशन ने जारी बयान में कहा कि हमारे लीजेंड खिलाड़ी के निधन की खबर सबसे बड़ा दुख है. आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे.

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