देहरादून,20 अक्टूबर: आरटीआई के तहत मांगी जाने वाली सूचनाओं को देने में तमाम विभागों के टाल-मटोल रवैये से खिन्न होकर आवेदकों द्वारा इस उम्मीद के साथ द्वितीय अपील लगायी जाती है कि उन्हें समय पर सही सूचना मिल जायेगी लेकिन उत्तराखण्ड सूचना आयोग में द्वितीय अपील की सुनवाई के लिए नम्बर (बारी) आने में ही पांच माह से अधिक का समय लग जा रहा है ।
गौरतलब है कि हल्द्वानी के देवकीबिहार निवासी रमेश चन्द्र पाण्डे ने लोक सेवा आयोग के लोकसूचना अधिकारी को 11 मार्च को आवेदन भेजकर 3 बिन्दुओं पर सूचना मांगी थी
पटवारी / लेखपाल की भर्ती हेतु 12 फरवरी 2023 को दोबारा आयोजित परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र तैयार कराये जाने की पूरी प्रक्रिया से सम्बन्धित पत्राचार एवं पत्रावली में अंकित टिप्पणी,
12 फरवरी को आयोजित परीक्षा में दिये गये प्रश्नपत्र, पटवारी / लेखपाल की भर्ती हेतु लीक हुए क्वैश्चन बैंक ।
इनमें से बिन्दु संख्या 2 की सूचना तो दे दी गई लेकिन बिन्दु संख्या 1 एवं 3 की सूचना देने से यह कहकर इन्कार कर दिया कि इसमें विषय विशेषज्ञों के नाम,पते और मोबाइल नम्बर अंकित होते हैं ।
प्रथम अपीलीय अधिकारी के स्तर से भी सूचना नही मिलने पर आवेदक श्री पाण्डे द्वारा 3 जून को राज्य सूचना आयोग के सचिव को द्वितीय अपील भेजकर सूचना दिलाने का आग्रह किया । काफी समय व्यतीत होने पर भी सुनवाई की तिथि नहीं मिलने पर 18 अगस्त को ईमेल से अनुस्मारक भेजने पर आयोग के वित्त अधिकारी एस.के.गुप्ता के हस्ताक्षर से 22 अगस्त को इसका जवाब दिया गया जिसमें बताया गया कि उनकी अपील 9 जून को प्राप्त कर पंजीकरण हेतु रख ली गई है, सुनवाई का क्रमांक आने पर सम्बन्धित पक्षकारों को नोटिस निर्गत किये जायेंगे ।
अब आयोग के उप सचिव रजा अब्बास के हस्ताक्षर से 29 सितम्बर को जारी नोटिस में लोक सेवा आयोग के लोक सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी को समस्त सम्बन्धित अभिलेखों के साथ 20 नवम्बर को सुबह 11.15 पर आयोग के कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है ।
आरटीआई कार्यकर्ता श्री पाण्डे ने कहा कि लोकसूचना अधिकार अधिनियम की मूल भावना के अनुसार आवेदक को समय पर सही सूचना दिलाने का विधिक दायित्व सूचना आयोग का है लिहाजा मुख्य सूचना आयुक्त को सुनवाई मे हो रही देरी के मामले को संज्ञान लेना चाहिए ।