डॉ श्रीकांत जिचकर के नाम इंडिया में सबसे ज्यादा डिग्री हासिल करने और सबसे शिक्षित व्यक्ति होने का रिकॉर्ड दर्ज है. 49 वर्षीय डॉ श्रीकांत का निधन 2004 में नागपुर में एक सड़क दुर्घटना में हुआ. डॉ श्रीकांत जिचकर आज हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनके बनाये हुए रिकॉर्ड को शायद ही कोई कभी चुनौती दे पाए.
1) डॉ श्रीकांत जिचकर ने 40 से अधिक यूनिवर्सिटी एग्जाम देकर 20 से ज्यादा डिग्रीयाँ अर्जित की. श्रीकांत जिचकर ने ज्यादातर में प्रथम श्रेणी हासिल की और 28 गोल्ड मैडल भी जीते.
2) सन 1972 से 1990 के बीच उन्होंने कुल मिलाकर 42 यूनिवर्सिटी परीक्षाएँ दीं.
3) श्रीकांत जिचकर ने अपने करियर की शुरुआत एक डॉक्टर के रूप में की। इसके लिए उन्होंने MBBS, MD की डिग्री हासिल की.
4) इसके बाद उन्होंने कानून की पढाई के लिए LL.B., पोस्ट ग्रेजुएशन इन इंटरनेशनल लॉ LL.M. की डिग्री ली.
5) श्रीकांत जिचकर ने इन 10 विषयों में मास्टर्स की डिग्री हासिल की.
M.A. (लोक प्रशासन)
M.A. (मनोविज्ञान)
M.A. (अर्थशास्त्र)
M.A. (संस्कृत)
M.A. (इतिहास)
M.A.(इंग्लिश साहित्य)
M.A. (दर्शनशास्त्र)
M.A. (राजनीति शास्त्र)
M.A. (प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व)
M.A. (नागरिक शास्त्र)
6) मास्टर्स इन बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन DBM, MBA की डिग्री ली.
7) पत्रकारिता के क्षेत्र में B. Journ की डिग्री ली.
8) संस्कृत में D. Litt (डॉक्टर ऑफ़ लिटरेचर) प्राप्त की।
9) डॉ श्रीकांत जिचकर ने 1978 में सिविल सर्विसेज परीक्षा दी, जिसमें उन्हें IPS (इंडियन पुलिस सर्विस) विभाग मिला लेकिन उन्होंने IPS ज्वाइन नहीं किया।
10) 1980 फिर से सिविल सर्विसेज परीक्षा दी. इस बार उन्हें IAS (इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज) मिला.
11) डॉ जिचकर IAS की नौकरी में भी ज्यादा दिन नहीं टिके और मात्र 4 महीने बाद ही उन्होंने इस पद से इस्तीफ़ा देकर चुनाव लड़ने का फैसला किया.
12) सन 1980 में Dr. Shrikant Jichkar ने महज 26 साल की उम्र में MLA बनकर सबसे कम उम्र में MLA बनने का रिकॉर्ड बनाया. आगे चलकर डॉ. जिचकर गवर्नमेंट मिनिस्टर भी बने.
13) मिनिस्टर के रूप में एक समय डॉ जिचकर 14 से अधिक विभागों का काम देखते थे. इस प्रकार डॉ श्रीकांत का राजनीतिक सफर भी शानदार रहा.
14) डॉ श्रीकांत को पढने का बहुत शौक था। उनके पास 52,000 से अधिक किताबों की पर्सनल लाइब्रेरी थी. डॉ श्रीकांत को गीता, उपनिषद, वेद-पुराण आदि ग्रन्थों का भी गहरा ज्ञान था.
15) ऐसा नहीं हैं कि डॉ जिचकर सिर्फ एक किताबी कीड़ा ही थे. बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. जिचकर एकपेंटर, प्रोफेशनल,फोटोग्राफर,स्टेज एक्टर, शिक्षाविद भी थे.
इतने ज्ञानी और प्रतिभावान व्यक्ति होने के बावजूद भी डॉ श्रीकांत जिचकर ने भारत को ही अपनी कर्मभूमि बनाई और देशवासियों की सेवा करने का फैसला किया, ये हम सबके लिए बहुत गर्व की बात है।
श्रीकांत जिचकर जी जैसे इंसान की इस जानकारी को शेयर जरूर करें जिससे दूसरी दुनिया के लोग भी भारत के इस अद्भुत व्यक्तित्व के बारे में जान सकें.
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