देहरादून , 28 दिसम्बर : पीड़ित राज्य आंदोलनकारी मंच के तत्त्वावधान में 10% क्षैतिज आरक्षण की बहाली की माँग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों का उपवास आज दूसरे दिन भी शहीद स्मारक में जारी रहा। उपवास के दूसरे दिन क्रांति कुमार ने ब्यूरोक्रेट्स पर मुख्यमंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा जो काम सरकार 5 मिनट में कर सकती थी उसे इन लोगों की वजह से सरकार तीन सालों में भी न कर पाई और यही स्थिति रही तो इस सरकार को डूबने से कोई नहीं बचा सकता। उन्होंने सरकारी वकीलों की फौज पर तंज कसते हुए कहा कि सिवाय टाइम पास के उन लोगों का कोई काम नहीं। अगर इस मामले को उन्होंने ही सही तरीके से समझ लिया होता तो आज इन बातों की नौबत ही नहीं आती।
मुख्यमंत्री से कहा जनता से किया वादा पूरा करें
आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप व वीरेन्द्र पोखरियाल ने शहीद स्मारक पर पहुँच कर 10% आरक्षण को लेकर अनशन कर रहे राज्य आंदोलनकारी क्रांति कुकरेती व अन्य आंदोलनकारियों के समर्थन में 2 घंटे सांकेतिक सत्याग्रह किया इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर राज्य आंदोलनकारियों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वह पहले आंदोलनकारियों से मुलाकात में कहा वादा करते हैं कि 24 दिसंबर की कैबिनेट मीटिंग में 10% आरक्षण को लेकर फैसला लेंगे लेकिन उस दिन 41 विषयों पर फैसला करते हैं परंतु जिन राज्य आंदोलनकारियों की बाबत एक भी बात कहना उन्होंने मुनासिब नहीं समझा ।
आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र जुगरान व विजय प्रताप मल्ल ने कहा कि वह 10% के मुद्दे पर पूरी तरह से आंदोलनकारियों के साथ हैं उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वह उनकी बातों को गलत साबित कर दें तो वह इस मुद्दे से पीछे हट जायेंगें आखिर सरकार कि गलती का खामियाजा आंदोलनकारी क्यों भुगतें।
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि क्रांति कुकरेती ने आत्मदाह का सरकार को नोटिस दिया हुआ है। सरकार को समझना चाहिए कि जिन राज्य आंदोलनकारीयों ने सरकारी दमन को झेल कर इस राज्य का निर्माण किया अगर वही आज आत्मदाह करने की बात कर रहें हैं तो इसका मतलब इस राज्य कि स्थिति बेहद भयावह है। उन्होंने कुकरेती की चेतावनी को गंभीरता से लेने और अगले 72 घंटों में इस संबंध में उचित फैसला लेने की चेतावनी दी । साथ ही उन्होंने कहा कि यदि सत्याग्रह पर बैठे एक भी आंदोलनकारी का स्वास्थ्य बिगड़ा उसकी पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री और उनकी निकम्मी सरकार पर होगी।
आज धरने में बैठने वालों में प्रमुख रूप से अम्बुज शर्मा,सूर्यकांत बमराडा, वीरेन्द्र रावत, रामकिशन, मनोज कुमार शर्मा और गणेश शाह आदि बैठे, धरने को समर्थन देने वालों में प्रमुख रूप से आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप,रविन्द्र जुगराण ,वीरेन्द्र पोखरियाल,विजय प्रताप मल्ल,महिपाल शाह,आशीष उनियाल,हरदीप सिंह (लक्की) विकास शर्मा,विजयेश नवानी,अभय कुकरेती,प्रभात डंडरियाल, विशम्भर बौठियाल,विक्रम राणा,राकेश कुकरेती,भगवान सिंह पंवार (मंसूरी) ,सतीश सेमवाल,अभय कुकरेती, भगवान सिंह पंवार ,सतीश सेमवाल आदि लोग बैठे।
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